मानसून में देरी से बर्बाद होती फसलों को बचाने के लिए किसानों ने सोमवार को यहां कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर चम्बल की नहरों में पानी छोडऩे की मांग उठाई।
बूंदी•Jul 13, 2021 / 08:48 pm•
पंकज जोशी
चम्बल की नहरों में छोड़ो पानी, किसान की फसल बर्बाद हो रही
चम्बल की नहरों में छोड़ो पानी, किसान की फसल बर्बाद हो रही
जिले में मानसून की देरी से बिगड़े हाल
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, नहरी पानी की उठाई मांग
बूंदी. मानसून में देरी से बर्बाद होती फसलों को बचाने के लिए किसानों ने सोमवार को यहां कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर चम्बल की नहरों में पानी छोडऩे की मांग उठाई।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह की अगुवाई में बड़ी संख्या में किसान कलक्ट्रेट में पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन कर चम्बल की नहरों में पानी छोडऩे की मांग को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने ज्ञापन में बताया कि जुलाई माह आधा बीत गया, लेकिन मानसून मेहरबान नहीं हो रहा। मानसून की इस बेरुखी और भीषण गर्मी के कारण भूमिगत जलस्तर भी नीचे चला गया। नलकूप और कुओं में पानी रीत गया। ऐसे में फसलों और मवेशियों को बचाना मुश्किल हो गया। किसानों ने बताया कि कई हिस्सों में फसलों की बुवाई कर दी, लेकिन बारिश नहीं होने से बीज जमीन में ही दफन हो गया। कुछ स्थानों पर बीज उगा भी, लेकिन पानी नहीं मिलने से झुलसने लग गया। कुछ हिस्सों में किसानों ने नलकूप की मदद से धान की रोपाई शुरू कर दी थी, लेकिन अब भी बारिश नहीं होने से दर्जनों बीघा खेतों में धान की पौध को बचाना मुश्किल हो गया।
किसानों ने कहा कि इन हालातों में किसान बर्बाद नहीं हों इसके लिए चम्बल की नहरों में पानी छोड़ा जाना चाहिए। इस दौरान पलविंदर सिंह, सुरेश मीणा, बलकार सिंह, दुर्गालाल, राजेन्द्र जैन अजेता, गुरुपाल सिंह आदि सहित कई किसान मौजूद थे।
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