बूंदी. स्वायत शासन विभाग ने बूंदी नगर परिषद सभापति मधु नुवाल को पार्षद व सभापति पद से निलंबित कर दिया है। सभापति पर पद का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने व अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेने का आरोप था। विभाग ने इसकी जांच कोटा उप निदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय निकाय विभाग से करवाई थी, जिससे जांच प्रमाणित पाए जाने पर राज्य सरकार ने सभापति को पद से निलंबित कर दिया है।
विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि डीडीआर कोटा द्वारा प्रेषित जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टयता सभापति मधु नुवाल ने कर्मचारियों के साथ मिलकर मिलीभगत करके सरकारी जमीन पर कब्जा करने एवं अतिक्रमण कर अनुचित लाभ लेना पाया गया। विभाग को प्राप्त जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर नुवाल को सुनवाई का अवसर देते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) के तहत स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया।
सभापति ने इसका जवाब भी प्रस्तुत किया लेकिन जांच में पद का दुरुपयोग करके कब्जा कर अतिक्रमण करना पाया गया। ऐसे में निदेशक ने यह माना कि प्रकरण की न्यायिक जांच करवाई जाए। निदेशक ने माना कि अगर सभापति पद पर बनी रहेंगी तो कहीं ना कहीं न्यायिक जांच प्रभावित होगी। ऐेसे में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने मधु नुवाल को सभापति व पार्षद पद से निलंबित कर दिया है।
पूर्व मंत्री अशोक चांदना ने किया ट्वीट
इस मामले में पूर्व मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट कर भाजपा का विरोध किया। अपने एक्स अकाउंट पर उन्होंने लिखा कि संवैधानिक पद पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी गई बूंदी नगर परिषद की महिला सभापति मधु नुवाल को अलोकतांत्रिक तरीके से हटाना बूंदी की जनता का घोर अपमान है। भाजपा का डर साफ दिख रहा है, समय पर जनता इन्हें जवाब देगी।
गोसेवको ने किया था प्रदर्शन
सिलोर रोड पर जिस सरकारी जमीन को लेकर सभापति को निलंबित किया गया है उस जमीन को लेकर गो सेवकों ने बूंदी में धरना प्रदर्शन भी किया था। गोसेवकों ने सभापति के पति पर जबरन जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया था। इसको लेकर बूंदी में एक माह तक विरोध प्रदर्शन भी चला था। वहीं विपक्ष में रहते हुए भाजपा के साथ सत्ता पक्ष के कांग्रेस पार्षदों ने भी सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
सभापति पद के लिए दौड़ शुरू
सभापति पद से मधु नुवाल के निलंबित होने के साथ ही सभापति पद के लिए दौड़ शुरु हो गई है। बूंदी नगर परिषद बोर्ड में सामान्य महिला सीट है। ऐसे में सत्ता पक्ष का फायदा मिलते हुए किसी भाजपा महिला पार्षद का सभापति बनना तय माना जा रहा है।