बैठक में जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि आरयूआईडीपी के स्कोप से हटाए गए सभी कार्य जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा अमृत परियोजना के तहत करवाए जाएंगे। प्रस्तावित किए गए सभी कार्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करवाया जाना सुनिश्चित करें। शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी पानी की पहुंच रहे, कार्य के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाए। कार्यों की गुणवत्ता में किसी तरह की कमी नहीं रहे।
बैठक में बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि अमृत परियोजना के द्वितीय चरण के तहत करवाए जाने वाले कार्यों से शहर में पेयजल आपूर्ति का स्थाई समाधान हो, इस तरह से इन कार्यों को पूर्ण करवाया जाए। कार्यों की पूर्णता तय समय में हो।
यह होंगे कार्य
बूंदी शहर में कोटा बैराज से आने वाले पानी की आवक क्षमता में वृद्धि के लिए आरयूआईडीपी के माध्यम से 45.98 करोड़ की लागत से कोटा बैराज के पास इनटेक पम्प हाऊस पर 34 एमएलडी के पम्प सेट, जाखमुंड में 8 एमएलडी का जल शोधन संयंत्र तथा 34 एमएलडी के पम्प सेट, मांगली पंप हाऊस पर एससीएडीए कार्य, नैनवां रोड़ के पास 12 लाख लीटर का स्वच्छ जलाशय, विकास नगर हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास 4.5 लाख लीटर का उच्च जलाशय, 24.11 किमी जल वितरण पाइप लाइन, 5461 घरेलू जल कनेक्शन, 4 स्वच्छ जलाशयों का नवीनीकरण, 3 पम्प हाऊस का नवीनीकरण, रामगंजबालाजी के पास 6.5 एमएलडी का जल-मल शोधन संयंत्र के कार्य करवाए जाएंगे।
बैठक के दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता डीएन व्यास ने परियोजना के तहत करवाए जाने वाले कार्यों के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। इस दौरान आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता मनीष अरोडा, अधिशाषी अभियंता सोनल शर्मा, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता इन्द्रजीत मीणा, डीटीपी अमित व्यास, नगर परिषद के सहायक अभियंता उपस्थित रहे।