36 सैंपल मानकों पर नहीं उतरे खरे शहद, अरहर दाल, खोया, पनीर के तीन, बेसन के आठ, बेसन लड्डू का एक, भैंस दूध के पांच, मिश्रित दूध के छह, मैदा का एक, लाल मिर्च पाउडर का एक, सरसों तेल के चार और हाई फैट क्रीम के एक सैंपल में मिलावट की पुष्टि हुई है। इनमें से किसी सैंपल में रंग, दूध में फैट की कमी व अन्य हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं।
खराब हो सकता है लीवर जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. परवेंद्र ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने वाले व्यक्ति के दिल, लीवर और किडनी पर सीधा असर पड़ता है। यह धीमे जहर की तरह होता है। लगातार इनका सेवन करने से कैंसर, लीवर में सूजन, किडनी फेल, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका ज्यादा असर पड़ता है।
असुरक्षित खाद्य पदार्थ और की गई मिलावट खाद्य पदार्थ मिलावट अरहर दाल हानिकारक रंग पनीर डिटरजेंट सरसों तेल हानिकारक रंग भैंस का दूध गाढ़ा करने के लिए रिफाइंड मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
डीओ राजकुमार गुप्ता ने बताया कि 101 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट आई है। इनमें से आठ पदार्थों के सैंपल असुरक्षित पाए गए हैं। मानकों पर खरे न उतरने वाले सभी 52 खाद्य सामग्री विक्रेताओं को नोटिस जारी किया गया है। जल्द ही इन के खिलाफ वाद दायर कराया जाएगा।
कीटनाशक के दो सैंपल हुए फेल जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि जुलाई माह में जिले की दुकानों से 42 कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए गए थे। लैब से इन सभी की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार 42 में से 40 दवाओं के सैंपल मानक पर खरे उतरे हैं, जबकि दो सैंपल अधोमानक पाए गए हैं। इनमें शामिल लेंडा सायहेलोथ्रीन 5 फीसदी मानक वाला सैंपल लैब में जांच के दौरान 2.31 मानक पाया गया है। इसी तरह क्लोरो पायरीफोरस प्लस 5 मानक वाला कीटनाशक दवाई के सैंपल में 3.92 मानक पाया गया है।