जानकारी के मुताबिक 2017 में गांव में श्मशान घाट का निर्माण कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके कुछ समय बाद ही इसे तारबंदी कर दो हिस्सों में बांट दिया गया। वहीं मामला सुर्खियों में आने के बाद अब जिला प्रशासन एक्शन में आया है और मामले में जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही श्मशान से तारबंदी भी हटवाकर मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया था।
यह भी देखें: 6 साल बाद भी नहीं बन पाया फायर स्टेशन मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीण सचिन वर्मा ने बताया कि श्मशान घाट में एक तरफ दलित और दूसरी तरफ अगड़ी जाति के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस तरह की तारबंदी किया जाना गलत है, लेकिन जब यह सब हुआ तो इसका किसी ने विरोध भी नहीं किया। इसलिए तब से यहां ऐसा ही होता आ रहा है। बीडीओ घनश्याम वर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आने पर गांव में टीम को भेजा गया और श्मशान में लगी तारबंदी को हटवा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। आसपास के लोगों से भी पूछताछ हो रही है। जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के जातीय भेदभाव करना बहुत गलत है।