यह भी पढ़ेंः कांवर पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की दिखी ऐसी तस्वीरें, जिसे देखकर आप भी बोलेंगे वाह
पुलिस में दर्ज एफ़आईआर के अनुसार 31 जुलाई को आरोपी बिजली का मीटर लगाने के नाम पर दीपू के घर में घुस गया और वहां उसकी बहन को घर में अकेला पाकर उसके साथ छेड़-छाड़ करने लगा। युवती के विऱध करने पर आरोपी भाग गया। पीड़िता ने इस घटना के बारे में अपनी माँ को बताई और माँ ने अपने बेटे दीपू को इसकी जानकारी दी। पप्पू की हरकत से बौखलाए दीपू ने अगले दिन आरोपी से इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराया तो उलटे पप्पू ने दीपू को धमकी दी। इसी के बाद से दोनों में आपसी रंजिश चल रही थी। 7 अगस्त को जब दीपू गांव में कुछ सामान लेने गया तो पप्पू दुकान पर खड़ा था। दोनों में कुछ कहा सुनी, जिस पर पप्पू ने पीड़िता के भाई के साथ जमकर मार पीट की। इस मामले में पीड़िता ने पप्पू और उनके साथियों के खिलाफ 8 अगस्त को नरसेना थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिससे रंजिश और बढ़ गई।
यह भी पढ़ेंः कलयुग के इस कांवड़ यात्रा में दिखा सतयुग का श्रवण कुमार, देखकर सभी रह गए हैरान
इसी रंजिश में लड़की के भाई दीपू को फंसाकर अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को हल्का कराने के लिए पप्पू पक्ष के लोगों काआरोप था कि मारपीट में वह भी गंभीर रूप से घायल हुआ है। इसके बाद से ही वह इस कोशिश में था कि उसका भी मेडिकल कराकर दीपू पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। इसके लिए वह थानाध्यक्ष को भी फोन पर धमका चुका था। लेकिन जब पुलिस ने उमकी नहीं सुनी तो वह पुलिस के रवैये से भी खफा हो गया था। इसी बीच कावड़ियों की वेश में वह और उसके समर्थकों ने 8 तारीख की सुबह पुलिस पर हमला कर दिया और दबाव बनाया कि स्वयं का भी उसका मेडिकल कराया जाए। फिलहाल, पुलिस ने दोनों मामले में FIR दर्ज कर छह आरोपियों को तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया।
पुलिस ने इस मामले में बताया कि पीड़िता की तहरीर सात अगस्त को मिली थी। इसी के आधार पर एफ़आईआर 8 अगस्त को 17:38 पर दर्ज की थी। जबकि इससे पहले ही घर में घुसने की घटना और पीड़िता के भाई के साथ मार पीट का घटना हुई। यदि पुलिस समय रहते इसी मामले में सख्त कार्रवाई कर लेती तो शायद आठ तारीख की घटना नहीं होती।