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जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ लोकदल कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन में किसानों का कहना था की किसान को इस समय बिजली, पानी, खाद आदि की सबसे अधिक जरूरत है। ऐसे में बिजली की दरें सरकार इतना अध्यधिक बढ़ा दी है कि किसान बिजली की आपूर्ति होने पर भी बिजली का उपयोग करने में डर रहा है। किसानों का दावा है की उसकी आमदनी केवल 4850 रुपए प्रति माह है। ऐसे में दो हज़ार रुपए टूबवेल के और 850 रुपए बिजली के देने पड़ रहे है। ऐसे में किसान को घर चलना तक मुश्किल होता जा रहा है। इस लोगों का कहना था कि प्रदेश ही नहीं, इस वक्त पूरे देश में किसानों की हालात बहुत ही ज्यादा खराब है।
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गौरतलब है कि 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अधिकतम वृद्धि रागी में हुई है। इसका एमएसपी 1900 रुपये से बढ़ाकर 2,897 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मक्के के समर्थन मूल्य को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये किया गया। मूंग की खरीद प्रति क्विंटल 5575 रुपये की दर से हो रही थी। अब किसानों को इसके लिए 6975 रुपये मिलेंगे। उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये किया गया। बाजरे के एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया गया। वहीं, कपास (मध्यम रेशा) के लिए किसानों को अभी तक 4,020 रुपये प्रति 100 किलोग्राम मिल रहा था अब इसे बढ़ाकर 5,150 रुपये किया गया है। लंबे रेशे वाले कपास का मूल्य 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 हो गया है।