उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ( ईओडब्ल्यू ) के मेरठ थाना प्रभारी धर्मेश कुमार ने बताया कि डिबाई की अमन ट्रेडिंग कंपनी और खुर्जा की आकाश ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर अनुज कुमार ने वर्ष 2008-9 व वर्ष 2009-10 में यह फर्जीवाड़ा किया था। उन्होंने बुलंदशहर की कुछ फर्मों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सामान की खरीद और बेचा था। इस खरीद-फरोख्त के मामले में भारी घालमेल किया गया था। शिकायत मिलने पर इस पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू मेरठ को दी गई थी।
वर्ष 2015 में ईओडब्ल्यू टीम ने जांच में फर्जीवाड़ा पाया। इसके बाद दोनों ही फर्म के विरुद्ध वर्ष 2015 में दुबई में खुर्जा कोतवाली में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराएं। जांच में दो आरोपी मुंशीलाल माहेश्वरी निवासी चिरंजीव विहार गाजियाबाद और अनुज कुमार निवासी मुंडा खेड़ा के नाम सामने आए। पुलिस जांच में सामने आया कि इन्होंने गलत तरीके से 49 लाख 32 हजार रुपये आईटीसी क्लेम लिए थे।
इन आईटीसी क्लेम को फर्जी ढंग से लेने के मामले में दोनों को पुलिस ने अपनी जांच में दोषी पाया और इनके खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में पेश की। पुलिस ने अब इन्ही आराेपों में व्यापारी काे गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था जहां से इन्हे जेल भेज दिया गया। 11 साल बाद फर्जीवाड़े के आरोपों में व्यापारियों की गिरफ्तारी और उनके जेल जाने की इस घटना से अन्य व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बुलंदशहर में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।