यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था। उनकी पढ़ाई लाहौर में हुई। 1945 में इनका परिवार पंजाब के लुधियाना में बस गया था। यश चोपड़ा कभी इंजीनियर बनना चाहते थे। वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन भी जाने वाले थे, लेकिन उनकी किस्मत कहीं और लिखी हुई थी। फिल्मों में करियर बनाने का सपना लिए वो बंबई आए थे।
यश चोपड़ा ने बतौर सहायक निर्देशक अपने करियर की शुरुआत बड़े भाई बी आर चोपड़ा और आई एस जौहर के साथ की। साल 1959 में उन्होंने पहली फिल्म ‘धूल का फूल’ का निर्देशन किया। कई सफल फिल्मों के बाद 1973 में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी यशराज फिल्म्स की स्थापना की।
कई स्टार्स को बनाया सुपरस्टार
यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों से कई सितारों को स्टारडम का दर्जा दिलाया। 1975 में फिल्म ‘दीवार’ से उन्होंने महानायक अमिताभ बच्चन की ‘एंग्री यंग मैन’ की छवि बनाई। अमिताभ की लीड रोल वाली पांच फिल्में ‘दीवार’ (1975), ‘कभी-कभी (1976), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘काला पत्थर’ (1979), ‘सिलसिला’ (1981) यश चोपड़ा की बेहतरीन फिल्में हैं। वहीं, बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने ‘डर’, ‘दिल तो पागल है’ और ‘वीर जारा’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं। शाहरुख के साथ यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म ‘जब तक है जान’ रही।
रोमांटिक फिल्मों के जादूगर
यश चोपड़ा को रोमांटिक फिल्मों का जादूगर कहा जाता था। उनकी अंतिम फिल्म ‘जब तक है जान’ भी रोमांटिक फिल्म थी। 2012 में अपने 80वें जन्मदिन के मौके पर उन्होंने कहा था कि ये उनकी अंतिम फिल्म है और अब वो रिटायर होकर परिवार को वक्त देना चाहते हैं। यश चोपड़ा रिटायर तो हो गए लेकिन परिवार को वक्त नहीं दे पाए। 21 अक्टूबर, 2012 को डेंगू के चलते उनका निधन हो गया था।
यश चोपड़ा का परिवार
उनकी पत्नी का नाम पामेला चोपड़ा है। यश और पामेला के दो बेटे आदित्य और उदय हैं। बड़े बेटे आदित्य भी निर्देशक हैं। उन्होंने साल 2014 में एक्ट्रेस रानी मुखर्जी से शादी की है। वहीं, उनके छोटे बेटे उदय चोपड़ा बॉलीवुड एक्टर हैं। इन दिनों वो एक्टिंग के अलावा फिल्म निर्माण में भी किस्मत आजमा रहे हैं।
मिल चुके हैं कई पुरस्कार
2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सिनेमा सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। वहीं, 2005 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान मिला। फिल्मों की शूटिंग के लिए यश चोपड़ा को स्विट्जरलैंड सबसे ज्यादा पसंद था। अक्टूबर 2010 में स्विट्जरलैंड में उन्हें वहां एक अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। स्विट्जरलैंड में उनके नाम पर एक सड़क भी है और एक ट्रेन भी चलाई गई है।
अतिंम फिल्म को लेकर पहले ही हो गया था आभास
बतौर निर्देशक यश चोपड़ा की आखिरी फिल्म साल 2012 में रिलीज हुई ‘जब तक है जान रही’। इस मूवी में शाह रुख खान, कटरीन कैफ और अनुष्का शर्मा ने अहम भूमिकाओं को अदा किया। आलम ये रहा कि ‘जब तक है जान’ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही है। इस मूवी से जुड़ा रोचक किस्सा ये है कि यश को ये पहले ही आभास हो गया था कि ये मूवी उनकी आखिरी फिल्म होने वाली है।
इस फिल्म की रिलीज से करीब 1 महीने पहले शाह रुख खान को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात की जानकारी दी थी- ”जब तक है जान मेरी आखिरी फिल्म होगी और इसके बाद मैं निर्देशक के रूप में फिल्म निर्माण बंद कर दूंगा।” हैरान करने वाली बात ये रही कि इस मूवी की रिलीज से 20 दिन पहले यानी 21 अक्टूबर 2012 को यश चोपड़ा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
डेंगू से यश चोपड़ा की मौत
13 अक्टूबर 2012 को, चोपड़ा को डेंगू बुखार का पता चला था और उन्हें मुंबई के बांद्रा के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 अक्टूबर 2012 को 5:30 बजे 80 वर्ष की आयु में डेंगू बुखार के कारण यश चोपड़ा के कई अंगों की विफलता के बाद मृत्यु हो गई।