चुनाव के समय दो गुट में बंट गई थी इंडस्ट्री:
मधुर भंडारकर ने छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जब 2014 का लोकसभा चुनाव हो रहा था, उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री दो गुटों में बंट गई थी। करीब 40 से 50 हस्तियां नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो गई थीं। वे सब इस कोशिश में लगे थे कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री ना बन सकें।
इंडस्ट्री के ज्यादा दिग्गज गहरी राजनीति करते हैं:
मधुर भंडारकर ने कहा था कि बॉलीवुड की विरोधी हस्तियों ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था और उनको जवाब देने के लिए एक गुट और बना उसमें मधुर भंडारकर और अनुपम खेर जैसे लोग जुड़े। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि फिल्म इंडस्ट्री के ज्यादातर दिग्गज गहरी राजनीति करते हैं। भिलाई में अभिनय कार्यशाला का उद्घाटन करने आए मधुर भंडारकर ने आपातकाल पर आधारित फिल्म इंदू सरकार को लेकर भी सफाई दी। उन्होने कहा कि सिर्फ छह करोड़ रुपये में यह फिल्म बनकर तैयार हुई, ऐसे में फिल्म को बीजेपी की स्पॉन्सरशिप मिलने की बात बकवास है।इतने छोटे बजट की फिल्म के लिए बीजेपी से आर्थिक सहयोग लेने का आरोप लगाना हास्यास्पद है।
पीएम मोदी से की थी मुलाकात:
बता दें कि मधुर भंडारकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी से अच्छे रिश्तों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने वर्ष 2015 में पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी। दरअसल जब देश में असहिष्णुता का मुद्दा गर्माया हुआ था तो, उस वक्त मधुर भंडारकर अनुपम खेर, मालिनी अवस्थी आदि लोगों ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। तब उन्होंने कहा था कि देश में कहीं असहिष्णुता नहीं है। कुछ लोग देश को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।