एक्ट्रेस को शादी के लिए प्रपोज कर दिया जब मधुबाला अपने करियर की पीक पर थीं, तब उन्हें अपने दिल में छेद होने के बारे में पता चला। जिसके बाद उन्होंने अपना इलाज विदेश में करवाने का फैसला किया। इस दौरान मधुबाला की जिंदगी में किशोर कुमार थे। जब किशोर को पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद हैं, तो उन्होंने बिना देर किए एक्ट्रेस को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। इस पल मधुबाला बेहद भावुक हो गई थीं।
जब कोई किसी से प्यार करता है तो वो जिंदगी का हर लम्हा उसी के साथ बिताना चाहता है। फिर चाहे उसमें सुख हो या दुख। ये जानते हुए भी कि मधुबाला की जिंदगी का अंत कभी भी हो सकता है, किशोर कुमार ने हमेशा उनका ख्याल रखने का वादा किया, उनसे शादी का फैसला किया। किशोर को कभी भी अपने इस फैसले को लेकर पछतावा महसूस नहीं हुआ, क्योंकि वो एक सच्चे प्रेमी की तरह बस मधुबाला के साथ हर पल साथ में रहना चाहते थे।
दोनों एक-दूसरे के जीवनसाथी बन गए मधुबाला और किशोर दोनों का परिवार इस रिश्ते से खुश नहीं था। खबरों के अनुसार मधुबाला के परिवार को राजी करने के लिए किशोर कुमार ने अपना नाम और धर्म तक बदल लिया था। आखिर में सिविल हिंदू वेडिंग करते हुए दोनों एक-दूसरे के जीवनसाथी बन गए। लेकिन किशोर कुमार के परिवार ने कभी मधुबाला को स्वीकार नहीं किया। दोनों ने इन बातों को रिश्ते पर हावी नहीं होने दिया।
मधुबाला का सबसे अच्छा इलाज चल रहा था, लेकिन इसके बाद भी उनकी हालत हर दिन बिगड़ती जा रही थी। ऐसे में कभी किशोर ने पत्नी को कभी अकेला नहीं छोड़ा और ऐसे ही लगातार 9 साल तक ख्याल रखते रहे। इस दौरान किशोर कुमार हमेशा एक्टिव रहने वाली मधुबाला को वह बिस्तर पर पड़े-पड़े हर पल अपनी आंखों के सामने मरता देख रहे थे।
वह रोती थीं, तो मैं उनके साथ रोता था एक इंटरव्यू में किशोर कुमार ने बताया था ‘… हमेशा एक्टिव रहने वाली मधुबाला बिस्तर पर लेटे-लेटे फ्रस्टेट हो गई थीं। वो चिल्लाती और शिकायत करती थीं। मैं उन्हें हर समय हंसाने की कोशिश करता था। डॉक्टर ने भी मुझे ऐसा ही करने की सलाह दी थी। मधुबाला की आखिरी सांस तक मैं यही करता रहा। वह हंसती थीं, तो मैं हंसता था। वह रोती थीं, तो मैं उनके साथ रोता था। बता दें कि बीमारी से लंबे समय तक लड़ने के बाद मधुबाला का साल 1969 में निधन हो गया था।
अपने साथी को हर पल नजरों के सामने खोता देखना बेहद दर्दनाक होता है। किशोर ने अपना दर्द भुलाकर, चेहरे पर मुस्कान लिए इस बात पर ध्यान लगाया कि मधुबाला के पास जो भी समय है उसे वह हंसते हुए काटें। यही तो होता है जीवनसाथी, जो अपने साथी की खुशी की खातिर खुद की खुशी को भूल जाता है। उसे मुस्कुराता देखने लिए वह अपने दर्द को दबा लेता है और उसके जीवन को बेहतर बनाने की हर संभव कोशिश करता है। मधुबाला और किशोर कुमार का रिश्ता हमेशा लोगों को सच्चे प्रेम की सीख देता रहेगा।