देखने के लिए हुजूम उमड़ पड़ा दरअसल माया नगरी में किसी स्टार के लिए कभी ऐसी दीवानगी देखने को नहीं मिली थी, जितनी की राजेश खन्ना के लिए थी। उनके फैंस अपने खून से खत लिखते, लड़कियां उनकी कार को चूमने लगतीं। ऐसे में साल 1971 में आई फिल्म ‘दुश्मन’ की जह राजेश खन्ना आउटडोर शूटिंग कर रहे थे, तो उन्हें देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था।
एक बार पुणे से कुछ दूर एक गांव में इस फिल्म की शूटिंग चल रही थी। सैकड़ों की संख्या में गांव वाले राजेश खन्ना की एक झलक पाने के लिए वहां पहुंचे थे। लोग अपने घर की छतों और आसपास के पेड़ों तक पर तक चढ़ गए थे। आधी रात के करीब 2 बजे फिल्म की शूटिंग खत्म हुई। इसके बाद सबने देखा कि सैकड़ों की भीड़ राजेश खन्ना की तरह बढ़ी चली आ रही है। गांव में सुरक्षा का कोई खास इंतजाम भी नहीं था। ऐसे में भीड़ ने राजेश खन्ना को घेर लिया।
लोग उनके कपड़े फाड़ने लगे आपको बता दें कि राजेश खन्ना की जीवनी में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक यासिर उस्मान और उनके करीबी भूपेश रसीन के हवाले से इस घटना का जिक्र किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि लोगों को देखकर कुछ देर तक तो राजेश खन्ना खुश थे, लेकिन थोड़ी देर में उन्हें एहसास हुआ कि लोग उन्हें जबरदस्ती पकड़ रहे हैं, धक्का दे रहे हैं और यहां तक कि उनके कपड़े फाड़ रहे हैं।
जिससे राजेश खन्ना घबराकर मदद के लिए पुकारने लगे, लेकिन भीड़ में उनकी आवाज दब गई। यह सब कुछ मिनट तक चलता रहा। जिसके बाद अचानक फिल्म की एक्ट्रेस मुमताज भीड़ में आगे बढ़ीं और किसी तरह राजेश खन्ना को खींचकर बाहर लेकर आईं थीं। जब राजेश भीड़ से बाहर आए थे तो उनके बाल बिखरे हुए थे कमीज भी फट गई थी। इस घटना से राजेश बेहद घबरा गए थे।