आमिर ने बताया, ‘मैं एक फिल्मी परिवार से आता हूं। मैंने अपने पिता और चाचा को फिल्में बनाते हुए देखा है। मेरे पिता एक बहुत उत्साही निर्माता थे। उन्हें पता नहीं था कि बिजनेस कैसे करना है। इसलिए उन्होंने कभी पैसा नहीं कमाया। लेकिन उनके पास सिर्फ दिक्कतें ही थीं। जब वो फिल्म ‘लॉकेट’ बना रहे थे, तब उन्हें डेट्स से लेकर ऐक्टर्स की उपलब्धता जैसी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें फिल्म को पूरा करने में आठ साल का समय लग गया।’
इसके बाद आमिर ने कहा, ‘मेरे पिता कर्ज में डूबे हुए थे। मैंने उन्हें आर्थिक दिक्कतों से जूझते हुए देखा है। हम दिवालिया हो गए थे। हमारी सड़क पर आने की नौबत आ गई थी। मेरे पिता के पास लोगों के फोन आते थे और उनसे पैसे वापस मांगते थे। मेरे पिता ने सारे पैसे फिल्मों में लगा दिए थे। वह काफी दिक्कतों का सामना कर रहे थे।’ आमिर ने उस वाक्ये को भी याद किया जब उनके पिता कर्ज से उबरने के लिए जॉब करने के लिए कह रहे थे। आमिर ने कहा, ‘मेरे पिता ने कपबोर्ड खोला और वह कुछ ढूंढ रहे थे। मेरी मां ने उनसे पूछा कि आप क्या ढूंढ रहे हैं, क्या हो गया रात में? मेरे पिता ने उनसे कहा कि मैं ग्रैजुएशन का सर्टिफिकेट ढूंढ रहा हूं क्योंकि हम दिवालिया होने जा रहे हैं और यह घर चला जाएगा। मुझे पैसे कमाने के लिए जॉब करनी होगी। इसलिए अपना सर्टिफिकेट ढूंढ रहा हूं।’
आमिर कहते हैं, ‘हमारी स्थिति ऐसी हो गई थी कि 40 की उम्र में एक आदमी अपनी पत्नी से कह रहा है कि वह अपना ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट ढूंढ़ रहे हैं। इसके बाद मैंने ये ठान लिया था कि मैं कभी प्रोड्यूसर नहीं बनूंगा। लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। इसके बाद आमिर ने अपने प्रोड्यूसर बनने पर कहा, मैं गलती से प्रोड्यूसर बन गया। मैंने कभी प्रोड्यूसर बनने का नहीं सोचा था। कोई मुझे मिला नहीं तो मैं बन गया।’ बता दें कि आमिर खान 20 साल पहले रिलीज हुई फिल्म ‘लगान’ के प्रोड्यूसर थे। इस फिल्म ने सफलता के कई आयाम बनाए थे।