हालांकि यह सब हमेशा से ही एक जैसा नहीं था। विद्या बालन के करियर की शुरुआत साल 1996 में हम पांच नाम के कॉमेडी शो से हुई थी। इसके बाद सीधे परिणीता फिल्म में उनकी एक्टिंग का डंका बजा था। इस फिल्म में वे संजय दत्त और सैफ अली खान के अपोजिट नजर आईं थी औऱ सभी के नजरें अपनी ओर खींच ली थी। इस फिल्म ने सही मायनों में उनकी किस्मत बदल दी, लेकिन हम पांच से लेकर परिणीता के बीच का सफर बेहद ही कठिन था या यूं कहें कि सबसे कठिन था।
अपने स्ट्रगलिंग के दिनों को याद करते हुए विद्या बालन बताती हैं कि इंडस्ट्री में एक वक्त ऐसा आया जब मुझे मनहूस बुलाया जाने लगा औऱ इसके चलते मेरे हाथ से 12 की 12 फिल्में छिन गईं थी।
उन्होंने कहा, ‘मैंने हम पांच 1996 में किया था और मैंने परिणीता में 2004 में काम करना शुरु किया था। इसके बीच में मैंने सेंट जेवियर से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और एमबीए भी किया। मैंने सोचा था कि और कुछ नहीं तो पढ़ाई तो होगी। कहीं कुछ नहीं तो नौकरी तो मिल ही जाएगी औऱ मेरे मां-बाप ने भी कहा था कि ग्रेजुएशन करना जरूरी है।
यह भी पढ़ेंः फिल्म जर्सी को लेकर शाहिद कपूर को लगा है बड़ा झटका, उठा सकते हैं ये कदम उन्होंने आगे कहा कि मैंने सुपरस्टार मोहनलाल और डायरेक्टर कमन के साथ साउथ में एक मलयालम फिल्म की थी। उन दोनों की जोड़ी वहां बहुत सफल और फेमस थी। उन्होंने 8-8 फिल्में एक साथ की थीं और नौवीं फिल्म में मैं थी, लेकिन फिर उन दोनों के बीच पंगा हो गया। इस पंगे के दौरान उन्होंने कहा कि यह लड़ाई विद्या की वजह से हुई है वह हमारे लिए मनहूस है।
विद्या बताती हैं कि उस समय फिल्म के पहले शेड्यूल के दौरान ही वर्ड ऑफ माउथ बहुत अच्छा था और तकरीबन 12 फिल्मों के लिए मैं सेलेक्ट की गई थी, लेकिन मोहनलाल की फिल्म के बाद एक-एक करके मुझे सारी फिल्मों से हाथ धोना पड़ा क्योंकि सबको लगा था विद्या की वजह से फिल्म में कोई दिक्कत न हो जाए।
यह भी पढ़ेंः इस एक्ट्रेस को किस करने में कार्तिक आर्यन को लेने पड़ गए थे 37 टेक अगले तीन सालों तक मुझे ये सब देखना पड़ा और मेरे दिमाग में यह बात घर कर गई थी कि मैं मनहूस हूं। विद्या ने बताया कि इतना ही नहीं मेरे विज्ञापन भी मुझसे छीन लिए गए थे।