देश के सबसे बड़े संगीतकार ए आर रहमान को पहला मौका देेने वाले म्यूजिशिन का निधन
दिग्गज संगीत निर्देशक बढ़ती उम्र के कारण अक्सर बीमार रहते थे। साल 1968 में एक संगीतकार के रूप में उन्होंने फिल्म ‘करुथापूर्णमनी’ से अपने संगीत कॅरियर की शुरुआत की थी।
संगीत के उस्ताद ए.आर. रहमान को की-बोर्ड में डेब्यू करने का मौका देने वाले दिग्गज संगीत निर्देशक एम. के. अर्जुनन का सोमवार को कोची के पल्लुरूथी में स्थित आवास पर निधन हो गया। यह जानकारी उनके पारिवारिक सूत्र ने दी। उनकी उम्र 87 साल थी। अर्जुनन को खास तौर पर गायक के.जे. येसुदास की आवाज पहली बार रिकॉर्ड करने के लिए जाना जाता है। साल 2017 में रहमान अपने जन्मदिन के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका से यहां आए थे। इससे भी ज्यादा उन्हें उनकी विनम्रता के लिए जाना जाता है, जो उनके वास्तविक जीवन में और संगीत में दोनों में नजर आता है।
दिग्गज संगीत निर्देशक बढ़ती उम्र के कारण अक्सर बीमार रहते थे। साल 1968 में एक संगीतकार के रूप में उन्होंने फिल्म ‘करुथापूर्णमनी’ से अपने संगीत कॅरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने ड्रामा के लिए कंपोजिंग के अलावा 200 फिल्मों में 500 से अधिक गीतों पर काम किया। उन्होंने प्रमुख गीतकार श्रीकुमारन थम्पी के साथ करीब 50 फिल्मों में काम किया।
आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इस महान संगीत निर्देशक को एकमात्र केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से ही नवाजा गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि महान संगीतकार का निधन न सिर्फ संगीत उद्योग के लिए बल्कि समाज के लिए भी बहुत बड़ा नुकसान है। उनका अंतिम संस्कार कोच्चि में होगा।
एमके अर्जुन ने 1981 में एआर रहमान को पहला ब्रेक दिया था। मशहूर संगीतकार एआर रहमान भी जब महज 11 साल के थे तो उनकी काबिलियत को पहचानते हुए एमके अर्जुन ने उन्हें अपने ऑर्केस्ट्रा में कीबोर्ड बजाने का मौका दिया।