इसके बाद ऊषा ने 1970 में आई ‘बॉम्बे टॉकीज’ फिल्म में एक अंग्रेजी गाना गाया और फिर ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ फिल्म के लिए। ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ फिल्म में ऊषा को आशा भोसले के साथ ‘दम मारो दम’में गाने का मौका मिला लेकिन किसी वजह से वो यह गाना ना गा सकी। इसके बाद उत्थुप ने ‘दम मारो दम’ गाने में अंग्रेजी में कुछ लाइनें गाई थीं। अब उषा उत्थुप की अवाज एक पहचान गई थी। उन्हें एक के बाद एक कई फिल्मों में गाने का मौका दिया जाने लगा। उनके गानें देश विदेशों में सुने जाने लगे। उनकी अवाज में इतना भारीपन था कि लोग उन्हें आदमी की अवाज तक बोलने लगे थे।
ऊषा उत्थुप ने ‘शालीमार’, ‘शान, वारदात’, ‘प्यारा दुश्मन’, ‘अरमान’, ‘दौड़’, ‘अरमान’, ‘डिस्को डांसर’, ‘भूत’, ‘जॉगर्स पार्क’ और ‘हैट्रिक’ जैसी फिल्मों में गाए गए उनके गीत सराहे गए। उनकी जुगलबंदी आरके वर्मन और बप्पी लहरी के साथ भी देखने को मिली। इन्होंने सबसे ज्यादा गीत इन्हीं संगीतकारों के साथ गाए। विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘सात खून माफ’ में रेखा भारद्वाज के साथ गाए गए गीत ‘डार्लिंग’ से उन्होंने खूब सुर्खिया बटोरीं। ऊषा का प्रियंका चोपड़ा की फिल्म सात खून माफ में गाया गाना डार्लिंग भी काफी चर्चा में रहा।
‘डार्लिंग’ गाने के लिए ऊषा ने साल 2012 में फिल्मफेयर अवॉर्ड बेस्ट सिंगर फीमेल भी जीता था। समय के साथ ऊषा उत्थुप के लुक में भी काफी बदलाव आ गया है। यहां तक कि कुछ तस्वीरों में उन्हें पहचानना भी मुश्किल है