उन्होंने आगे लिखा, ‘मैंने प्लैंक, हाइजेनबर्ग, श्रोडिंगर और निश्चित रूप से आइंस्टीन के कार्यों को पढ़ने की कोशिश की है .. यह समझने के लिए कि समय-स्थान कैसे काम करता है, अक्सर उन्हें समझने में की असफल रही हूं।’ इसके बाद टिस्का ने रात के खाने का मेनू भी साझा किया।