चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं को फिल्म की रिलीज से पहले हाईकोर्ट में सुनवाई की मांग करने की स्वतंत्रता दी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता केरल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। इसी तरह की एक याचिका केरल हाईकोर्ट में लंबित है। बता दें, फिल्म 5 मई यानी शुक्रवार को रिलीज हो रही है।
बता दें कि CJI डी वाई चंद्रचूड़ के सामने एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कल ही याचिका के तत्काल लिस्टिंग की मांग की थी। फिल्म की रिलीज को चुनौती देने वाली जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से एडवोकेट निजाम पाशा ने याचिका पेंशन की। ग्रोवर की याचिका में फिल्म के डिस्क्लेमर में बदलाव की मांग की गई। याचिका में ये भी कहा गया है कि ये फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक है। पाशा की याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
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पर्दे पर पहली बार कटरीना कैफ संग रोमांस करते दिखाई देंगे कार्तिक आर्यन! जल्द शुरू होगी शूटिंग ग्रोवर ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि फिल्म के शुरुआती शॉट में कहा गया है कि ये फिल्म सच है। इसे एक सच्ची कहानी के रूप में बताया गया है। ये फिल्म पूरे समुदाय को बदनाम करती है। निजाम पाशा ने स्पष्ट किया कि उनकी याचिका न केवल डिस्क्लेमर में बदलाव की मांग कर रही है बल्कि पूरी फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर रही है।
गौरतलब है कि ‘द केरला स्टोरी फिल्म’ को सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया है और विपुल अमृतलाल शाह ने इसे प्रोड्यूस किया है। ट्रेलर आने के बाद से ही ये फिल्म विवादों में है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि केरल की लगभग 32,000 महिलाओं को धोखे से इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया और बाद में ISIS में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस ने फिल्म को सांप्रदायिक घृणा पैदा करने वाला बताया है।