बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई है। राजेश खन्ना को हिंदी सिनेमा का ‘पहला सुपरस्टार’ भी कहा जाता था। राजेश खन्ना को लेकर कई तरह के किस्से-कहानियां फिल्म इंडस्ट्री में सुनाई जाती है। राजेश खन्ना की अदाएं लोगों को खासकर लड़कियों को दीवाना बना देती थी। कभी कंधों को उचकाकर तो कभी बालों की लट चेहरे पर लाकर तो कभी गले में मफलर डालकर तो कभी अपनी शर्ट का कॉलर खड़ा कर जब सिल्वर स्क्रीन पर आते थे तो लड़कियां अपनी सुधबुध खो बैठती थीं।
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहलाने वाले राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने साल 1966 में फिल्म ‘आखिरी खत’ से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। जिसके बाद उनकी दूसरी फिल्म थी बहारों के सपने जो 1967 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में राजेश खन्ना के साथ आशा पेरख (Asha Parekh) ने मुख्य भूमिका निभाई थी। राजेश खन्ना ने यूं तो कई हिट फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनकी फिल्म ‘आन मिलो सजना’ और ‘कटी पतंग’ की शूटिंग बार-बार कैंसल ही कर दी जाती थी।
राजेश खन्ना से जुड़ी इस बात का खुलासा इन फिल्मों में उनकी को-स्टार रहीं आशा पारेख ने किया था। बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था, जब हम ‘आन मिलो सजना’ और फिल्म ‘कटी पतंग’की शूटिंग कर रहे थे, तो सेट पर अकसर 100 या इससे ज्यादा लड़कियों का झुंड पहुंच जाता था। ऐसे में हमें शूटिंग तक कैंसल करनी पड़ती थी।
आशा पारेख कहती हैं कि इस तरह का स्टारडम उन्होंने या तो देव आनंद का देखा, या फिर राजेश खन्ना का। उन्होंने कहा, ‘दीवाने थे प्रशंसक देव साहब के। जब हम एक साथ ‘महल’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो हमें कई बार उस फिल्म की शूटिंग रद्द करनी पड़ी। वहां लोग देव साहब के लिए बेकाबू थे। लोग उन्हें छूना चाहते थे, उन्हें चूमना चाहते थे, उनके गले लगना चाहते थे। ठीक वैसी ही दीवानगी मैंने राजेश खन्ना के लिए भी देखी।’