लड़कियों को अपनी मां की नकली कब्र पर ले जाते थे Sanjay Dutt, फिर रोने का किया करते थे झूठा नाटक!
शाहरुख आगे कहते हैं कि ‘इसलिए अपने फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से हमेशा कहता है कि मेरी फिल्मों में इस तरह के सीन न रखें. ऐसे सीन करने में मुंझे असहज महसूस होती है. मेरे लिए स्क्रीन पर हंसने वाले सीन करना बहुत मुश्किल होता है. मैं ऐसे सीन करने से बचता हूं, जिनमें मुझे हंसना पड़े. हंसते हुए स्क्रीन पर मैं असली नहीं लगता, मुझे लगता है कि मैं ये नहीं कर सकता’. इस बारे में बात करते हुए शाहरुख बताते हैं कि ‘मुझे याद है फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में काजोल के साथ बास्केटबाल खेलने वाला एक सीन था जिसमें मुझे हंसना था’.
शाहरुख बताते हैं कि ‘उस सीन के दौरान मैं हंस नहीं सका, जिसके बाद करण जौहर ने उस सीन में दो छोटे-छोटे बच्चों को दिखा दिया, जो अजीबोगरीब शक्लें बनाते हुए कहते हैं कि तुसी जा रहे हो, जिससे मैं उस सीन में हंस सकूं. इसके बाद से मुझे पता चला कि हंसना मेरे लिए बहुत मुश्किल काम है. वहीं अगर शाहरुख के काम की बात करें तो, वो जल्द ही ‘पठान’, ‘जवान’, ‘डंकी’ और ‘डॉन 3’ में जल्द नजर आने वाले हैं, जिसको लेकर फैंस उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.