साल 1981 में फिल्म रॉकी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले संजय दत्त ने जल्द ही बॉलीवुड में अपना एक मुकाम बना लिया। उनकी अदाकारी और दूसरों से जुदा अंदाज के चलते वे दर्शकों के दिलों पर राज करने लगे। मुन्नाभाई एमबीबीएस से लेकर अग्निपथ तक में उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। मगर पर्सनल लाइफ की बात करें तो संजू बाबा की जिंदगी में काफी उतार—चढ़ाव देखने को मिले। संजय दत्त (Sanjay Dutt) की मां नरगिस को भी कैंसर था। अपने बीते दिनों को याद करते हुए संजय ने कहा कि साल जब मेरी मां स्लोन केटरिंग मेमोरियल अस्पताल से लौटीं तो उनका लीवर खराब हो चुका था। उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डेढ़ से दो साल तक उनका वहां इलाज चला, लेकिन 3 मई 1981 को उन्होंने कैंसर की इस जंग को लड़ते हुए दम तोड़ दिया था। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उस वक्त अस्पताल वालों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया था। अगर वे अपनी मां से मिलते तो शायद उन्हें कुछ और दिन बचाया जा सकता था।
वर्षों बीतने के बाद भी संजय दत्त को आज भी ऐसा लगता है कि उनकी मां को कुछ दिन और बचाया जा सकता था। मगर आखिरी वक्त पर भी उन्हें मां से नमिलने दिए जाने के फैसले की टीस उनके मन में आज तक है। इसके अलावा संजय दत्त की पहली पत्नी रिचा शर्मा भी ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी। जिनकी बाद में मौत हो गई थी। उस वक्त भी उन्हें काफी धक्का लगा था। ऐसे में अब संजय खुद लंग्स कैंसर के शिकार है इसलिए उन पर दुखों का और पहाड़ टूट पड़ा है। फैंस ये खबर सुनकर काफी शॉक्ड हैं। वे उनकी सलामती की दुआ मांग रहे हैं।