रिसेन्टली रफ्तार (Raftaar) नेहा धूपिया (Neha Dhupia) के शो ‘नो फ्लिटर’ (No Filter) में पहुंचे थे जंहा उन्होंने अपनी सेल्समैन की नौकरी से लेकर म्यूजिक तक के सफर के बारे में बताया। उन्होंने बताया- साल 2006 में यूसीबी में मैंने सेल्समैन की जॉब की थी लेकिन उस जॉब पर मेरे पापा ने कुछ ऐसा किया था कि मुझे लगेगा अब लड़ना ही पड़ेगा। रफ्तार ने आगे बताया कि उनकी सैलरी 10,000 रुपए हुआ करती थी और पापा की सैलरी 12,000 रुपए थी। उन्होंने आगे कहा- एक बार पापा ने अपनी सैलरी से 10,000 रुपये निकालकर मेरे तकिए के नीचे रख दिए। बोले कि जाने की जरूरत नहीं है, ये ले तेरी सैलरी। उस दिन फैसला कर लिया था कि अब छूट सामने से उन्होंने दे दी है। मैं एसक्यूज़ नहीं दे सकता था कि मैं इसलिए नहीं कर पाया कि मेरे मां-बाप ने साथ नहीं दिया। मेरे मां-बाप कहते थे, आजमा ले अपनी किस्मत। कुछ ना हुआ, तो एक दुकान खोल लेंगे, भूखा नहीं मरेगा।
रफ्तार (Raftaar) ने ये भी साझा किया कि उन्होंने लिखना कैसे शुरु किया। उन्होंने कहा कि वो 7वीं में थे तब से लिखने लगे थे। लेकिन उन्हें रैप के बारे में नहीं पता था, उन्होंने जो लिखा था वो उसे अच्छा राइम मानते थे। इसके बाद रफ्तार के दोस्त ने एक बार उन्हें सीडी दी जिसमें एमिनम और लिंकिन पार्क के गाने थे। इसमें बैंड क्वीन का रीमिक्स भी था। गाना सुनने के बाद उन्हें लगा कि वो उनके राइम से काफी मिलता जुलता था। प्यार मोहब्बत से दूर वो कुछ अलग बनाना चाहते थे जिससे वो खुद को जोड़ पाएं। यहीं से रफ्तार के गानों की शुरुआत हुई।