मधु जैन की किताब ‘द कपूर्स’ के मुताबिक, राज कपूर ने फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से बेटे राजीव कपूर Rajiv kapoor को लॉन्च किया। फिल्म में उनके अपोजिट अभिनेत्री मंदाकिनी थी।
फिल्म हिट रही , लेकिन पूरा क्रेडिट मंदाकिनी को गया।
मंदाकिनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद रातों-रात स्टार बन गई स्टार बन गई । वहीं राजीव कपूर को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिला । राजीव कपूर चाहते थे कि उनके पिता उनको लेकर एक और हिट फिल्म बनाए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसके चलते बाप और बेटे के रिश्ते में कड़वाहट आ गई थी।
राजीव कपूर अपने असफल फिल्मी कैरियर को लेकर अपने पिता राज कपूर को जिम्मेदार मानने लगे। राजीव के चाहने के बावजूद उनके पिता ने उन्हें लेकर कोई नई फिल्म नहीं बनाई। हमेशा उन्हें एक असिस्टेंट के तौर पर काम पर रखा। वह यूनिट का वह सारा काम करते थे जो एक असिस्टेंट और स्पॉटबॉय करता है।
‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद राजीव कपूर ‘लवर ब्वॉय’, ‘अंगारे’, ‘जलजला’, ‘शुक्रिया’, ‘हम तो चले परदेस’ जैसी फिल्मों में दिखे तो पर उनकी फिल्में चली नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक , राजीव कपूर ने कभी अपने असफल कैरियर को लेकर अपने पिता राज कपूर के सामने खुलकर बातचीत नहीं की, लेकिन राज कपूर के अंतिम संस्कार से दूरी बनाए रखी। कपूर परिवार से अलग वो तीन दिनों तक अलग-थलग रहे।