परेश रावल और स्वरूप संपत की मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी। दोनों थियेटर आर्टिस्ट थे। पहली बार परेश रावल ने स्वरूप को कॉलेज में देखा था। वह ब्रोशर बांट रही थीं। स्वरुप को पहली नजर में ही परेश अपना दिल दे बैठे थे। उन्होंने अपने दोस्तों से कहा था कि एक दिन मैं इस लड़की से शादी करूंगा। शादी के बाद एक इंटरव्यू में स्वरूप संपत ने कहा था, मैंने पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी और ब्रोशर बांट रही थी। उस दिन जब परेश रावल ने मुझे पहली बार देखा और अपने दोस्तों से शादी की बात कही तो मैं उनकी बात को सुनकर भी अनसुना कर दिया।
स्वरूप ने आगे बताया कि ब्रोशर लेने के बहाने परेश काउंटर पर आए और थोड़ी देर में वहां से चले गए। लेकिन इसके एक साल तक परेश रावल ने उनसे दोस्ती करने की कोई कोशिश नहीं की। लेकिन एक दिन परेश रावल को स्टेज पर एक्टिंग करते हुए देखकर स्वरूप उनसे अपनी नजरें नहीं हटा पाईं। इसके बाद वह परेश रावल को उनके शानदार परफॉरमेंस के लिए बधाई देने बैकस्टेज पहुंच गईं। उन्होंने परेश से पूछा, सुनो तुम्हारा नाम क्या है? बस फिर क्या था। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हो गई। दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल गई। दोनों ने साल 1987 में शादी की। दोनों की शादी बहुत ही सिंपल तरीके से हुई। दोनों ने एक मंदिर में शादी की। इसमें कोई मंडप नहीं था। जबकि दोनों ने एक पेड़ के नीचे सात फेरे लिए थे। शादी के बाद दोनों के दो बच्चे अनिरुद्ध और आदित्य हैं।