मीना कुमारी ने आखिरी दिनों में गुलजार को सौंप दी थी अपनी कीमती चीज, ये थी वजह
बॉलीवुड की ट्रेजिडी क्वीन कहे जाने वाली मीना कुमारी (Meena Kumari) अपनी अदाकारी और खूबसूरती को लेकर अपने फैंस के बीच बेहद पसंद की जाती थीं. उनका अंदाज करोड़ों को अपना दीवाना बना लेता था. मीना कुमारी फिल्मी दुनिया के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में रहती थीं.
मीना कुमारी ने आखिरी दिनों में गुलजार को सौंप दी थी अपनी कीमती चीज
50 से 60 के दशक में बॉलीवुड की एक खूबसूरत और हसीन अदाकारा मीना कुमारी (Meena Kumari) अपने फैंस के बीच काफी पसंद की जाती थीं. उन्होंने इंडस्ट्री को एक से एक हिट फिल्में दी हैं. मीना कुमारी ने अपने दशक के हर एक स्टार के साथ काम किया, जिनके साथ उनकी जोड़ी को पसंद भी किया जाता था. मीना कुमारी फिल्मी दुनिया में जितनी खुश दिखाई देती थी उतनी ही दुखों भरी उनकी असल जिंदगी रही है. इसी चलते लोगों उनको ‘ट्रेजिडी क्वीन’ कह कर बुलाया करते थे.
मीना कुमारी ने ‘पाकीजा’, ‘बैजू बावरा’, ‘दिल अपना’ और ‘प्रीत पराई’ जैसी कई शानदार और हिट फिल्मों में अपने दमदार अभिनया का लोह मनवाया है. फिल्मों से अलगा मीना कुमारी अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी अक्सर सुर्खियों में रहती थीं. बेहद कम उम्र में मीना कुमारी ने अपने दौर के मशहूर डायरेक्टर कमाल अमरोही से शादी की थी. दोनों की उम्र में काफी अंतर था, लेकिन कुछ खबरों के मुताबिक शादी के बाद मीना कुमारी का नाम धर्मेंद्र (Dharmendra) और मशहूर राइटर गुलज़ार (Gulzar) के साथ भी जोड़ा गया, जो उन दिनों खूब चर्चाओं में रहा था.
मीना कुमारी को कविताएं और शायरी लिखने का काफी शौक था. इतना ही नहीं उन्होंने कैफी आजमी से शायरी के गुण भी सीखे थे. अपने इसी शौक की वजह से मीना कुमारी गुलज़ार के नजदीक आईं. बताया जाता है कि दोनों की दोस्ती फिल्म ‘बेनजीर’ की शूटिंग पर हुई थी. इसके कुछ समय बाद मीना कुमारी और कमाल अमरोही के बीच भी कुछ अच्छा नहीं चल रहा था. मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने कभी उनकी शायरी को पसंद नहीं किया था, लेकिन गुलजार हमेशा ही उनकी शायरी की खूब तारीफ किया करते थे.
बता दें कि मीना कुमारी को शराब पीने के लत लग गई थी, जिसके चलते वो लीवर सोरोसिस नाम की बीमारी से जूझ रही थीं. बताया जाता है कि अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में एक्ट्रेस ने गुलज़ार की वजह से फिल्म ‘मेरे अपने’ साइन की थी. बीमारी के चलते वो इस फिल्म की शूटिंग नहीं कर पा रही थीं, लेकिन गुलज़ार के कहने पर मीना कुमारी ने किसी तरह फिल्म पूरी की. इसके अलावा अपने निधन से पहले मीना ने अपनी लिखी सभी शायरी गुलज़ार को सौंप दी थी. वहीं गुलज़ार ने मीना कुमारी की शायरी को ‘मीना कुमारी की शायरी’ नाम से ही पब्लिश किया था.