मुगलों को लुटेरा बताते हुए प्रख्यात कवि मुंतशिर ने कहा कि अल्लाह-हू-अकबर बोलते हुए देश में तबाही मचाई गई, मंदिरों को तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि जब देश भूखमरी से दौर से गुजर रहा था, लोग मर रहे थे तब शाहजहाँ ने ताजमहल बनवाने के लिए 9 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इस दौरान 35 लाख लोग मर गए। अगर इन पैसों को जनता में खर्च किया जाता तो लोगों की गरीबी मिट सकती थी।
उन्होंने कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि इसने ऐसे लुटेरों को देखा। भारत के लोगों को बताया कि अगर शेरशाह सूरी, अकबर, खिलजी नहीं होते तो भारतीय पत्ते लपेटकर नाच रहे होते। इन इतिहासों को गर्व से पढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि इन मूर्खों को कौन बताए कि इनके पहले मोहन जोदाड़ो था। आज जो शहरों में व्यवस्थाएँ देखने को मिलती हैं वो उसी काल की देन है।
उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने ताजमहल को प्रेम की निशानी बताकर जनता के प्रेम का मजाक उड़ाया। प्रेम की निशानी ही जानना है तो चित्तौड़गढ़ किले का इतिहास जानो, जहाँ माता पद्मिनी ने राजा रतन सिंह के वियोग में खुद को जलती लपटों में झोंक दिया। प्रेम का मतलब जानना हो तो राजा रामचंद्र को जानो, जिन्होंने माता सीता के लिए समुद्र का सीना चीरते हुए उस पर पुल बना दिया।
मनोज मुंतशिर बॉलीवुड के मशहूर गीतकार है, जिन्होंने कई सारे डायलॉग भी लिखे हैं। मनोज मुंतशिर का जन्म यूपी के अमेठी जिले में हुआ है और इनका असली नाम मनोज शुक्ला है। फिल्म बाहुबली कि कई सारे डायलॉग मनोज मुंतशिर ने ही लिखे हैं। फिल्म रुस्तम का गाना “तेरे संग यारा” भी मनोज ने ही लिखा है। मनोज देश के हर विवादित और चर्चित मुद्दों पर भी अपनी राय रखते रहते हैं जिससे सोशल मीडिया पर वो चर्चा का केंद्र बने रहते हैं।