रविवार को अस्थियां लेकर आदिनाथ लता मंगेशकर के निवास ‘प्रभु कुंज’ पहुंचे थे। गुरुवार सुबह उनके भतीजे आदिनाथ ने पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार कलश से अस्थियां नदी में प्रवाहित कीं है। संक्षिप्त धार्मिक समारोह में उनके भतीजे आदिनाथ मंगेशकर, बहन आशा भोसले और अन्य परिजन मौजूद थे। इससे पहले, हिंदू पुजारियों द्वारा परिवार और कुछ करीबी लोगों की उपस्थिति में एक छोटा प्रार्थना समारोह आयोजित किया गया था। बाद में, अस्थियों को पवित्र रामकुंड में विसर्जित कर दिया गया।
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बता दें, पहले कलश की अस्थियों का विसर्जन नासिक के रामकुंड में किया गया, ये वो जगह है जहां भगवान श्री राम 14 साल के वनवास के दौरान अपना दैनिक स्नान पवित्र रामकुंड में ही किया करते थे एवं उन्होंने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध भी यहीं किया था। इससे पहले जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, वाई बी चव्हाण और अन्य कई नेताओं की अस्थियों को भी इसी पवित्र स्थान में विसर्जित किया गया था। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की अस्थि विसर्जन के समय जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की भीड़ में लोग वहां एकत्रित हो गए। हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
अन्य दो कलश को हरिद्वार और वाराणसी में प्रवाहित किया जाएगा। माना जा रहा है कि वाराणसी में होने वाले विसर्जन कार्यक्रम में यूपी के सीएम आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। नासिक के कई स्थानीय नेता भी इस अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में शामिल हुए।