साल 1979 में आई गुलजार की फिल्म ‘मीरा’ में हेमा मालिनी काम कर रही थीं। इस फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को देना था। लेकिन जब प्रोड्यूसर्स लता मंगेशकर के पास इस फिल्म में गाने का ऑफर लेकर पंहुचे तो लता मंगेशकर ने ‘मीरा’ में गाने से इनकार कर दिया। उन्हें मनाने के कई बड़ी हस्तियां तक पंहुची लेकिन लता मंगेशकर ने किसी की बात नहीं मानीं।
लता मंगेशकर की नराजगी को देख लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया। जब सभी लोग हताश हो गए तब हेमा मालिनी इस बात से आचंभित हुईं कि आखिर लता मंगेशकर ऐसा क्यों कर रही हैं? ऐसे में हेमा मालिनी ने उनके पास जाने का सोचा।
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हेमा मालिनी ने इस बात का खुलासा एक शो में करते हुए कहा था कि-‘गुलजार साहब की फिल्म में मीराबाई का किरदार निभाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। और स फिल्म के लिए मै खुद लता जी की ही आवाज चाहती रही हूं। जब मुझे इस बारे में पता चला कि लता जी ने मेरे लिए गाना गाने के लिए मना कर दिया है, तो मैंने उन्हें खुद फोन करके उसे आग्रह किया लेकिन मंगेशकर तय कर चुकी थीं कि ये उन्हें नहीं करना।’
आखिर क्यों किया मना
लता मंगेशकर ने इस गाने को ना गाने की वजह के बारे में बताया था कि– ‘मैंने इससे पहले अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर के लिए ‘चला वही देस’ भजन गाया था। उसके बाद से इस तरह के गाने से दूरियां बना ली और तय किया था कि मैं फिर कभी किसी के लिए ये नहीं गाऊंगी।’ हालांकि हेमा मालिनी के काफी मनाने के बाद भी वो गाने को तैयार नही हुई और बाद में इस फिल्म के गाने वाणी जयराम ने गाए थे। इस फिल्म के गाने ‘मेरे तो गिरिधर गोपाल’ को साल 1980 में फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।