ऐसे ही एक विलन थे सदाशिव अमरापुरकर। सदाशिव को काला नाग के नाम से भी जाना जाता है। एक फिल्म में उन्होंने काला नाग नाम के विलेन का किरदार निभाया था। जिसमें वह बार-बार खुद को काला नाग कह रहे थे! इसलिए लोगों के बीच में उनका यही नाम प्रसिद्ध हो गया।
सदाशिव अमरापूरकर का जन्म 11 मई 1950 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में हुआ था। उनका पूरा नाम सदाशिव दत्ताराय अमरापूरकर है। सदाशिव ने स्कूल के दिनों से ही एक्टिंग करनी शुरू कर दी थी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने ‘पुणे विश्वविद्यालय’ से इतिहास में ‘मास्टर डिग्री’ हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपनी एक्टिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए थिएटर जॉइन कर लिया। वो महाराष्ट्र के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ‘रणजी ट्रॉफ़ी’ मुक़ाबले भी खेल चुके हैं। सदाशिव अमरापूरकर ने साल 1983 में गोविंद निहलानी की फ़िल्म ‘अर्ध सत्य’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस दौरान उन्होंने पहली ही फ़िल्म में अपनी शानदार एक्टिंग के लिए ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर’ का फ़िल्मफेयर पुरस्कार जीता था। इसके बाद 1991 में संजय दत्त-पूजा भट्ट स्टारर ‘सड़क’ फ़िल्म नकारात्मक भूमिका के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ खलनायक’ का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी अपने नाम किया। इस फ़िल्म में उन्होंने ट्रांसजेंडर महारानी का किरदार निभाया था, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
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