जावेद अख्तर ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोलने से विनाशकारी परिणाम सामने आएंगे। किसी भी मामले में सभी सर्वेक्षणों के अनुसार आजकल घरेलू हिंसा काफी हद तक बढ़ गई है। वहीं, शराब बच्चों और औरतों के लिए इन दिनों को और भी ज्यादा खतरनाक बना देगी।
सरकार कुछ भी करे, विरोध करना है’
पवन लोहिया को जावेद अख्तर के इस ट्वीट से बड़ी दिक्कत हुई। उन्होंने लिखा, ‘माने कहां से लाते हैं ये सब सियापा। आपको लगता है कि शराब वैसे नहीं मिल रही है। और अगर इससे घरेलू हिंसा होती है तो सामान्य दिनों में भी इसे अलाउ क्यों किया जाना चाहिए। सरकार कुछ भी करे, विरोध करना है।’
‘घर में तो पीने दीजिए’
भारती ने कहा कि ‘बहुत सारे लोग इसकी मांग कर रहे हैं। यहां तक कि राज ठाकरे जैसे नेता और दिवंगत ऋषि कपूर तक शराब की दुकानें खोलने की डिमांड कर चुके थे। कुछ कहते हैं कि ये बेहतर हैं क्योंकि विड्रॉल सिम्प्टम्स की वजह से लोग एक अन्य यूजर ने मजाकिया लहजे में लिखा, ‘आज आपको करोड़ों की हाय लगने वाली है।’ सुनील अरोड़ा ने कहा कि ये बकवास लॉजिक है। पागल हो जाते हैं।’
कबीर ने कहा कि ‘दुकाने खोलने से कालाबाजारी रुकेगी। लोगों को आइसोलेशन में पीने दीजिए। बेवकूफों का कोई इलाज नहीं है। वह कैसे भी हिंसा करेंगे। इसके लिए शराब को दोष देना ठीक नहीं।’