दरअसल, तालिबान से आरएसएस की तुलना मामले में मजिस्ट्रेट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अक्टूबर 2021 में एक वकील संतोष दुबे द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत में जावेद अख्तर को समन जारी किया था। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 200 के तहत शिकायतकर्ता और दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट ने 13 दिसंबर, 2022 को अख्तर को समन जारी किया था।
आदेश को चुनौती देते हुए, जावेद अख्तर ने अधिवक्ता जय के भारद्वाज के माध्यम से दायर अपनी पुनरीक्षण याचिका में कहा कि सीआरपीसी के तहत निर्धारित किसी भी जांच के बिना प्रक्रिया जारी की गई थी। अख्तर ने दावा किया कि शिकायतकर्ता इस तरह की शिकायत दर्ज करने के लिए अपने साक्ष्य दिखाने में विफल रहा।
याचिका में कहा गया कि, “शिकायतकर्ता ने एक भी दस्तावेज रिकॉर्ड पर नहीं रखा है जो आरएसएस की ओर से अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए अपना अधिकार स्थापित कर सके। महत्वपूर्ण रूप से, यह नोट करना अप्रासंगिक नहीं होगा कि शिकायतकर्ता स्वयं को आरएसएस का समर्थक/स्वयंसेवक कहता है। शिकायत को पढ़ने मात्र से यह स्पष्ट नहीं है कि अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में उनकी क्या भूमिका है।”
याचिका में यह भी कहा गया है कि मजिस्ट्रेट का आदेश नेचर से मैकेनिकल था और जिन परिस्थितियों में उन्हें बनाया गया था, उन पर विचार किए बिना जल्दबाजी में पारित किया गया है। याचिका में कहा गया, “मजिस्ट्रेट इस तथ्य की सराहना करने में विफल रहे हैं कि अभियुक्त को समन करना एक गंभीर मामला है और इसे मैकेनिकल तरीके से नहीं किया जाना चाहिए।”
बता दें, आरएसएस समर्थक होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने जावेद अख्तर पर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता का कहना था कि ‘जावेद ने राजनीतिक फायदे के लिए आरएसएस का नाम विवाद में घसीटा हा। वह आरएसएस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।’
शिकायतकर्ता ने जावेद अख्तर द्वारा 3 सितंबर 2021 को दिए गए एक इंटरव्यू के आधार पर ये आरोप लगाए थे। जावेद ने अपने इंटरव्यू में तालिबान की तुलना आरएसएस से की थी। उन्होंने कहा था कि ‘तालिबान बहुत बर्बर हैं, उनकी हरकतें बेहद निंदनीय है। हालांकि भारत में हिंदू परिषद , बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तालिबान के समान ही है।’ उनके इस बयान पर पूरे देश में विरोध किया गया था और उनके खिलाफ पुलिस थाने में कई शिकायते भी दर्ज कराई गई थीं।