राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में पानी के संकट पर बनी ख्वाजा अहमद अब्बास की ‘दो बूंद पानी’ (1971) में भी जलाल आगा ने अहम किरदार अदा किया। उन्होंने शुरुआती दौर में ऐसे किरदार चुने, जिनमें ‘कुछ’ कर दिखाने का मौका मिले, लेकिन विडम्बना यह रही कि अच्छा अभिनेता होने के बावजूद उन्हें वैसी फिल्में और मान्यता नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे। फिर भी ‘सारा आकाश’ (1969), ‘हम तुम और वो’ (1971), ‘मान जाइए’ (1972), ‘गरम हवा’ (1974), ‘जूली’ (1975), ‘घरौंदा’ (1977), ‘गमन’ (1978), ‘जुनून’ (1979), ‘थोड़ी-सी बेवफाई ‘ (1980), ‘दिल आखिर दिल है’ (1982), ‘कथा’ जैसी फिल्मों में बतौर चरित्र अभिनेता उन्होंने अलग पहचान कायम की। उन्होंने करीब 80 फिल्मों में काम किया। इनमें ‘बॉम्बे टॉकी'(1970), ‘गांधी’ (1982) और ‘डिसीवर्स’ (1988) सरीखी विदेशी फिल्में शामिल हैं। वह दूरदर्शन के धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ में भी नजर आए थे। पचास साल की उम्र में 5 मार्च, 1995 को उनका देहांत हो गया।
हिट गानों से जुड़ा है नाम
जलाल आगा के नाम के साथ कुछ हिट गाने जुड़े हुए हैं। किशोर कुमार का सदाबहार ‘समा है सुहाना सुहाना’ (घर घर की कहानी) उन पर फिल्माया गया था। इसी तरह ‘शोले’ का ‘मेहबूबा मेहबूबा’ हेलन और उन पर फिल्माया गया। इस फिल्म में उनका काम इस गाने तक सीमित था।
‘निर्वाण’ और ‘गूंज’ का निर्देशन
जलाल आगा ने निर्देशन में भी खुद को आजमाया। ‘निर्वाण’ (1983) उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी। इसमें अमोल पालेकर, सारिका और टीनू आनंद ने अहम किरदार अदा किए। बाद में उन्होंने जूही चावला, कुमार गौरव और बिंजू अली को लेकर ‘गूंज'(1989) बनाई। लीक से हटकर बनीं दोनों फिल्में घाटे का सौदा रहीं।