अपने आप को जानने के लिए हर किसी को एक खोज पर तो जाना ही होता है। कोई ऐसी चीज, जो आप हमेशा से करना चाहते थे, आपका मन चाहता था लेकिन समय न मिलने की वजह से अब तक नहीं कर पाए हैं, उसे सीखिए, आप खुद को बेहतर तरीके से जान पाएंगे। जितना भी आप अपने आप को नई सिचुएशन में डालेंगे, आपने आप को ज्यादा जानेंगे। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि जब हम निडर होकर नई-नई परिस्थितियों का सामना करते हैं, तो निश्चित ही सफल होकर ही बाहर निकलते हैं। समाज के प्रति अपना दायित्व निभाने का यही पहला कदम भी है।
मां-बाप की सीख को समझें युवा भारत के युवा सक्षम हैं, हर स्थिति से निपटने के लिए उनमें पूरी काबिलियत है। एक बात उन्हें ध्यान रखनी चाहिए कि मां-बाप जो राह दिखाते हैं, वही उनके लिए सही होती है। कई बार उनकी बात देर से समझ आती है, लेकिन आ जाती है। भारत का नाम दुनिया में हर जगह गर्व से लिया जाता है और युवाओं की बदौलत ही हमने यह मुकाम हासिल किया है। स्पोट्र्स हो, फिल्म इंडस्ट्री हो, हर जगह उन्होंने नाम रोशन किया है। छोटे-छोटे शहरों से निकल कर उन्होंने इतना बड़ा नाम कमाया है, वे अमरीका की बड़ी-बड़ी कंपनियां चला रहे हैं।
निडर हो खुद की खोज पर निकलें नवंबर की शुरुआत में जैसलमेर में आइटीबीपी की ओर से फिट इंडिया वॉकाथन के तहत 200 किमी. मार्च का हिस्सा बन चुके विद्युत जामवाल को भारतीय युवाओं की क्षमता पर पूरा भरोसा है। वह दोहराते हैं कि भारतीय युवाओं को जरूरत है तो खुद को एक्सप्लोर करने की, उनमें असीम क्षमताएं हैं। दृढ़ संकल्प कर निडर होकर खुद को जानने की राह पर जब वो आगे बढ़ेगे तो सफलता उनके कदम चूमेगी।
हीलिंग के जरिए कर रहे युवाओं से कनेक्ट कोई भी क्षेत्र हो, बेहतरीन आउटपुट के लिए फिटनेस एक अनिवार्य इनपुट लॉकडाउन के दौरान मेरे पास काफी समय था। बचपन से मैंने जिस आश्रम में कलारीपयट्टू सीखा, वहां मारने से पहले हील करना सिखाया जाता है। कहते हैं कि आप चोट करने की क्षमता रखते हैं तो उसे हील करने की क्षमता भी आप में होनी चाहिए। ह्यूमन बॉडी में सात सिस्टम हैं – मस्कुलर, स्केलेटन, कार्डियो-वैस्कुलर, रेस्पिरेटरी, लिम्फैटिक, न्यूरो-मस्कुलर और डाइजेस्टिव सिस्टम। दो इंसानों की एक जैसी समस्या की वजह जरूरी नहीं, एक ही हो। सातों सिस्टम को जानने के बाद ही हीलिंग की जा सकती है। लॉकडाउन के दौरान मैंने ऑनलाइन हीलिंग सेशन शुरू किए। अच्छा रेस्पांस आया। लगा कि इस समय का इससे बेहतर इस्तेमाल और क्या हो सकता है। बस, सिलसिला शुरू हो गया। हाल ही मैंने किडनी हीलिंग की, कैसे हम किडनी को फिर से नया जीवन दे सकते हैं। मेरा मकसद हीलिंग के जरिए प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट का नाम फिर से दुनिया के नक्शे पर स्थापित करना है। युवाओं को फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। शरीर स्वस्थ होगा, तभी मस्तिष्क और आत्मा के साथ उसका तालमेल बेहतर होगा। युवा किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें, फिटनेस वह इनपुट है, जो बेहतरीन आउटपुट के लिए अनिवार्य है।
(इंटरव्यू: नितिन मित्तल)