सुचित्रा सेन का असली नाम रोमा दासगुप्ता है, लेकिन फिल्मी दुनिया में वे सुचित्रा के नाम से जानी जाती है। उनके पिता करुणोमय एक स्कूल में हेड मास्टर हुआ करते थे। उन्होंने साल 1952 में अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत की थी। उनकी फिल्म ‘शेष कोथाय’ ने विदेश तक में भी अपनी पहचान बनाई थी। सुचित्रा बड़े से बड़े फिल्मकारों के साथ काम करने का प्रस्ताव ठुकराती रहीं। सुचित्रा ने राज कपूर की एक फिल्म में काम करने का प्रस्ताव इसलिए ठुकराया, क्योंकि राज कपूर द्वारा झुककर फूल देने का तरीका उन्हें पसंद नहीं आया था। यही नहीं उन्होंने साल 2005 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का प्रस्ताव महज इसीलिए ठुकरा दिया, क्योंकि इसके लिए उन्हें कोलकाता छोड़कर दिल्ली जाना पड़ता।
आपकों बता दें कि वह पहली ऐसी भारतीय अभिनेत्री थीं जिन्हें अपने अभिनय के लिए किसी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड मिला था। उन्हें बांग्ला फिल्म ‘सात पाके बांधा’ के लिए मास्को फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म एक्ट्रेस के पुरस्कार मिला। फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी भारतीय एक्ट्रेस को विदेश में पुरस्कार मिला था। सुचित्रा सेन ने सिर्फ 7 हिंदी फिल्मों और 53 बांग्ला फिल्मों में अभिनय किया था।