पहली मूवी रही असफल
जूही चावला ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘सल्तनत’ से की। मुकुल आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म में धर्मेन्द्र, सन्नी देओल और शशि कपूर के पुत्र करण कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। वर्ष 1987 में प्रदर्शित कन्नड़ फिल्म ‘प्रेमालोक’ जूही के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुयी। साल 1988 में नासिर हुसैन के बैनर तले बनी फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ की सफलता के बाद बतौर फिल्म अभिनेत्री इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयी। साल 1993 में बनी फिल्म ‘हम है राही प्यार के’ में काम अभिनय के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
फिल्म निर्माण में आजमाया हाथ
वर्ष 1997 में जूही चावला ने उद्योगपति जय मेहता के साथ शादी कर ली। वर्ष 1999 में उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और शाहरुख खान के साथ मिलकर ‘ड्रीम्स अनलिमिटेड’ बैनर की स्थापना की। इस बैनर के तहत सबसे पहले फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, अशोका, चलते-चलते जैसी फिल्मों का निर्माण किया।
जूही ने हिंदी फिल्मों के अलावा पंजाबी, कन्नड़, मलयालम और तमिल फिल्मों में भी अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाया। जूही चावला ने अपने सिने करियर में लगभग 80 फिल्मों में अभिनय किया है। वह आज भी जोशो-खरोश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है।