एक इंटरव्यू में गोविंदा ने कहा था कि – एक समय था जब मैंने एक साथ 70 फिल्में साइन की थी। जिसमें से 8 से 10 फिल्में बंद हो गई और गोविंदा को डेट्स की कमी के कारण चार-पांच फिल्में छोड़नी पड़ीं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि गोविंदा सिगिंग करियर न सिर्फ एक अच्छे अभिनेता और डांसर है बल्कि एक बेहतरीन सिंगर भी हैं।
कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि गोविंदा ना सिर्फ एक अच्छे एक्टर और डांसर हैं, बल्कि वह एक शानदार गायक भी हैं। कई बार बॉलीवुड के राजा बाबू अपने इस हुनर का परिचय दे चुके हैं। उन्होंने ‘आंखें’, ‘हसीना मान जाएगी’ और ‘शोला और शबनम’ जैसी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू चलाया। 2013 में गोविंदा का म्यूजिक एल्बम ‘गोरी तेरे नैना’ रिलीज हुआ था। उनके इस एल्बम के चारों गाने फैंस को बेहद पसंद आए थे। खुद्दार फिल्म की शूटिंग के दौरान गोविंदा की कार का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई जब फिल्म के क्रू को इस बारे में पता चला तो उन्होंने शूटिंग केसिल कर दी। लेकिन डॉक्टर को दिखाने के बाद गोविंदा आधी रात सेट पर पहुंच गए और सीन पूरा किया। इस बात की मिसाल आज भी कायम है। फिल्म ‘खुद्दार’ 1994 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में गोविंदा के साथ करिश्मा कपूर दिखाई दी थीं।
एक समय ऐसा भी आया जब गोविंदा के पास कोई काम नहीं था इस के पीछे की एक वजह उनकी शादी को माना जाता हैं। गोविंदा ने 1987 में सुनीता से गुपचुप शादी की थी। उस समय उनका करियर ग्राफ काफी ऊंचा जा रहा था। उन्हें इस बात की भी चिंता थी कि यदि ये बात बाहर आई तो उन्हें फिल्में मिलना बंद हो जाएगा। लिहाजा उन्होंने कई साल इस बात को छिपाए रखा। बाद में मां के कहने पर गोविंदा ने पूरी रीति रिवाज से सुनीता से शादी की।
फिल्मों के साथ-साथ वो राजनीति में भी सक्रिय हुए। साल 2004 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा। जिसमे उन्होंने बीजेपी के बड़े लीडर को हरा दिया।लेकिन जीतने के बाद वो कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं रहे। आखिरकार उन्होंने राजनीति छोड़ दी।इस बात का दुख गोविंदा को अब भी है क्योंकि यदि वो राजनीति में नहीं जाते तो शायद आज भी पर्दे पर उनका ही जलवा बरकरार रहता ।