नेहा कक्कड़ ने दिखाई दरियादिली, दमकलकर्मी को दिए दो लाख रुपये दीपिका पादुकोण को दावोस की वार्षिक बैठक में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से ये क्रिस्टल अवॉर्ड से दिया गया। इस दौरान उन्होंने अपने डिप्रेशन के बारे में सभी को खुल कर बताया। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर से बात के दौरान दीपिका ने बताया कि एक दौर था जब मैं मानसिक बीमारी से जूझ रही थी और मैं इसके बारे में किसी से बात नहीं करती थी। लोग डिप्रेशन और तनाव के बारे में लोग खुलकर बात नहीं करते हैं लेकिन इसको भी दूसरी बीमारियों की तरह ही समझना चाहिए। दीपिका ने कहा- डिप्रेशन बहुत खतरनाक है, जितना समय मुझे अवॉर्ड लेने में लगा है, उतनी ही देर में दुनिया में किसी एक शख्स ने इसकी वजह से सुसाइड कर लिया होगा।’
फोरम में मेंटल हेल्थ पर स्पीच देते हुए दीपिका ने बताया – एक दिन मैं अपने बेड से नीचे गिरीं थी और घर पर कोई नहीं था। उस वक्त मेरी काम वाली आई और मुझे डॉक्टर के पास ले गई। उन्होंने कहा कि हर सुबह उठकर वह हंसने और खुश रहने की कोशिश करती लेकिन आखिरकार मैं उदास हो जाती ।लेकिन फिर मैंने इस लड़ाई को लड़ा और जीता भी। मैं अपनी कहानी उन सभी को बताना चाहती हूं जो इस बीमारी से पीड़ित है।