कहानी
फिल्म में देव-पारो-चांदनी के लव ट्रायंगल को दिखाया गया है।राहुल भट्ट फिल्म में ‘देव’ के किरदार में नजर आ रहे हैं, तो वहीं अदिति राव हैदरी ने ‘चांदनी’ का रोल अदा किया है।ऋचा चड्डा ने ‘पारो’ का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीतने की कोशिश की है।फिल्म में पारो यानी की ऋचा देव (राहुल) की बीवी बनने की ख्वाहिश रखती हैं और इस बात को खुद वह देव से साझा करती हैं।दास-देव में देव अपने परिवार की विरासत यानी राजनीति को संभालता है। इस दौरान उसे अपनी पहचान बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं, दो लड़कियों के बीच की लव स्टोरी के कारण देव परेशान रहता है। फिल्म थ्रिलर और रोमांस से भरपूर है।
एक्टिंग
अभिनय की बात करें, तो राहुल भट्ट ने देव के किरदार की विषमताओं के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की है। रिचा चड्डा और अदिति राव ने अपनी भूमिकाओं को अपने सामर्थ्य से जिया है। ऋचा, पारो की भूमिका में और अदिति चांदनी की भूमिकाओं को बखूबी निभाया है। मिस लवली के बाद अनिल जॉर्ज एक बार फिर दमदार किरदार में दिखे हैं। सौरव शुक्ला, विनीत सिंह, दीपराज राणा, दलीप ताहिल जैसे सभी कलाकारों ने अपने किरदारों में जान डालकर कहानी को विश्वसनीय बनाया है।
निर्देशन
सुधीर मिश्रा हमेशा से अपने कुछ हटकर विषयों के लिए जाने जाते हैं। डार्क और इंटेंस सिनेमा उनकी खासियत रही है और ‘दास देव’ में भी उन्होंने इसे नहीं छोड़ा है। उन्होंने शरत चंद्र की देवदास के तीन मुख्य पात्रों देव, पारो और चांदनी को लेकर उसमें शेक्सपियर का ट्रेजिक, ग्रे और विश्वाघाती रंग मिलाया है। यही वजह है कि एक के बाद एक करके कहानी की कई परतें खुलती जाती हैं।यहीं सुधीर चूक कर बैठे।दरअसल कहानी को और ज्यादा विस्तार देने के चक्कर उन्होंने इसे इतना ज्यादा फैला दिया कि कई जगहों पर यह अपनी पकड़ खो देती है।
संगीत
कई संगीतकारों की मौजूदगी में ‘रंगदारी’, ‘सहमी है धड़कन’ जैसे गाने अच्छे बने हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर दमदार है।
देखना दिलचस्प होगा कि फिल्म कितना कमाल दिखा पाती है।