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भारती सिंह (Bharti Singh बताया कि जब भी वो स्टेज पर परफार्म करने आती थीं तो उन्हें लोग गलत तरीके से छूते थे। उन्होंने इससे पहले अपनी गरीबी से लेकर परिवार में हो रही कई कठिनाइयों के बारे में बताया था। भारती ने अपने दर्द को बयां करते हुए बताया कि एक समय ऐसा भी था जब वो हर शोज में अपनी मां को साथ लेकर जाती थीं। लोगों द्वारा किए गए एक्शन्स को वह कई बार समझ ही नहीं पाती थीं. भारती ने कहा, “मेरी मां मेरे साथ शोज में जाती थीं। इसके पीछे यही बड़ी वजह थी, शो के दौरान लोग उन्हें गलत तरीके से छूते थे।”
जब गलत तरीके से छूते थे लोग
भारती सिंह ने इस बात का खुलासा मनीष पॉल के साथ इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया कि जब वो शो के लिए जाती थीं तो किस तरह से लोग गलत तरीके से उन्हें छूते थे। हालांकि उस दौरान ये बात समझ नहीं आती थी। और उन्हें पता ही नहीं चलता था कि उनके साथ क्या हुआ है। इसकेबाद वो हर शो में अपनी मम्मी को ले जाने लगीं। तब मां के हमेशा साथ रहने के बाद भी वो सुरक्षित नही रह पाती थी।क्योंकि लोग उस वक्त भारती की मम्मी को यह दिलासा देकर काम करवाते थे कि डरिए मत वो भारती का ख्याल रखेंगे। लेकिन भारती को उस वक्त इन बातों की जानकारी कम थी और उन्हें पता नहीं चलता था कि कौन उन्हें किस इरादे से टच कर रहा है। साथ ही भारती ने बताया –“ जो कॉर्डिनेटर्स आपको पैसा देते हैं, इसकेबाद यदि वो आपकी कमर पर हाथ रगड़ते हैं। तो हर की जानता है कि यह अच्छी फीलिंग नहीं होती है। और इतना होने के बाद भी चुप रह जाना पड़ता है।
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पहले मैं नही जानता थी ये इशारे – भारती भारती सिंह ने इसी इंटरव्यू मे आगे कहा कि वो उस समय इन बातों को समझ नहीं पाती थीं। लेकिन अब वो उन गंदे इशारों को भी समझने लगी है। और इसके लिए वो आवाज भी उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब वो अपनी लड़ाई खुद से लड़ सकती हैं। उनके अंदर अब इतनी हिम्मत आ चुकी है कि अब वो लोगों से पूछ सके कि वो कहां और क्या देख रहे हैं। अब पहले का वो दर्द मेरी सबसे बड़ी ताकत बन चुका है।यह बात भी बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि शो में आने से पहले भारती अच्छी निशानेबाज भी हुआ करती थीं। उन्होंने बताया था कि, ‘जब मैं कॉलेज में राइफल शूटिंग का अभ्यास करने जाती थी तो हमें सरकार की ओर से मुफ्त खाना मिलता था। मुझे भी 5 रुपये में तीन कूपन मिलते थे जिसके साथ एक गिलास जूस भी रहता था। और उस एक गिलास जूस को पीने से मेरे पास घंटों खड़े रहने और राइफल शूटिंग का अभ्यास करने की ताकत हुआ करती थी। इतना ही नही कुछ कूपन तो घर के लिए भी बचा लेती थी। जिससे घर के लोगों को भी फलों का जूस मिल सके।’