कहानी किसी की, श्रेय किसी और को
इधर, कुछ भारतीय फिल्मकार कोरियाई फिल्मों की थीम पर हाथ मारने की मिसाल कई बार पेश कर चुके हैं। जब से कहानियों की चोरी के खिलाफ हॉलीवुड ने सख्ती बरतना शुरू किया है, कोरियाई फिल्में हमारे फिल्मकारों के लिए आसान शिकारगाह बन गई हैं। पिछले बीस साल में हिन्दी और दक्षिण की भाषाओं में ऐसी 30 से ज्यादा फिल्में बन चुकी हैं, जिनकी थीम कोरियाई फिल्मों से उठाई गई। इमरान हाशमी की ‘आवारापन’ की प्रचार सामग्री में कहानी का श्रेय महेश भट्ट को दिया गया, जबकि यह सीधे-सीधे कोरियाई ‘ए बिटरस्वीट लाइफ’ की नकल थी। महेश भट्ट के घरेलू बैनर की ‘मर्डर 2’ की प्रेरणा कोरियाई ‘चेजर’ थी। इस बार प्रचार सामग्री में मूल फिल्म के कहानीकार का नाम देकर ईमानदारी बरती गई। अमिताभ बच्चन की ‘तीन’ कोरिया की ‘मोंटेज’ का रीमेक थी, तो ऐश्वर्या रॉय की ‘जज्बा’ की कहानी ‘सेवेन डेज’ से उठाई गई।
‘आई सॉ द डेविल’ पर ‘एक विलेन’
सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख की ‘एक विलेन’ में कहानीकार के तौर पर तुषार हीरानंदानी का नाम दिया गया। बाद में पता चला कि इससे चार साल पहले आई कोरियाई ‘आई सॉ द डेविल’ की कहानी भी यही थी। कोरिया की ‘द मैन फ्रॉम नोव्हेयर’ को भारत में ‘रॉकी हैंडसम’ (जॉन अब्राहम), तो ‘माय वाइफ इज ए गैंगस्टर’ को ‘सिंग इज ब्लिंग’ (अक्षय कुमार) के तौर पर पेश किया जा चुका है। संजय दत्त की ‘जिंदा’, मल्लिका शेरावत की ‘अगली और पगली’ तथा विवेक ओबेरॉय की ‘जयंतभाई की लव स्टोरी’ क्रमश: कोरियाई ‘ओल्ड बॉय’, ‘माय सेसी गर्ल’ और ‘माय गैंगस्टर लवर’ का रीमेक थीं।
सलमान की ‘राधे’ भी रीमेक
कोरियाई फिल्मों के प्रति हमारे फिल्मकारों का मोह भंग होता नहीं लगता। सलमान खान की नई फिल्म ‘राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई’ तीन साल पहले आई कोरियाई ‘द आउटलॉज’ का रीमेक है। सलमान की ‘भारत’ भी कोरियाई ‘ओड टू माय फादर’ का रीमेक थी। कार्तिक आर्यन को लेकर बन रही ‘धमाका’ कोरिया की ‘द टेरर लिव’ (2013) का रीमेक होगी।