बाथरूम में करती थीं लंच -प्रियंका चोपड़ा
आज प्रियंका ग्लोबल स्टार बन चुकी हैं। लेकिन एक समय था जब उन्हें भी रंगभेद का शिकार हो चुकी हैं। बॉलीवुड और हॉलीवुड पर राज करने वाली प्रियंका चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘मुझे रोल देने से इसलिए मना कर दिया गया था कि मैं कुछ ज्यादा ही ब्राउन हूं। रंगभेद से निपटने का तरीका एक ही है कि अपने काम से खुद को इतना प्रूफ कर दें कि सामने वाला आपके साथ टेबल पर बैठने को राजी हो जाए। मैं अपने देश में भी अपने काम के दम पर ही टिकी थी। मेरा काम बोलता है।’ यही नहीं बल्कि स्कूल टाइम में भी प्रियंका को रंग की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सांवला रंग होने की वजह से स्कूल टाइम में प्रियंका के साथ कोई लंच नहीं करता था, तो वह बाथरूम में जाकर लंच किया करती थी। प्रियंका ने कहा था, ‘जब मैं 12 साल की थी तो अमेरिका में स्कूली पढ़ाई के लिए गई थी। सब मुझे ब्राउनी कहकर बुलाते थे। मैंने जिंदगी में बहुत नस्लभेद सहा है। वो कहते थे कि हम भारतीय सिर हिलाकर बात करते हैं। हमारा मजाक उड़ाया जाता है। हम घर पर जो खाना बनाते हैं, उस खाने की महक का मजाक उड़ाया जाता है।’ प्रियंका ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मुझे मेरे रंग की वजह से बॉलीवुड में तरह-तरह के नामों से बुलाया जाता था। काली बिल्ली और सांवली कहा जाता था। अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर अपने स्किन कलर पर मुझे संदेह होने लगा था। मैं सोचने लगी कि मुझे और ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।’
एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा
अपने करियर के शुरुआत में रेखा सांवली और मोटी हुआ करती थी। 1970 में आई फिल्म ‘सावन भादो’ से उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। अपनी पहली फिल्म में उन्हें सांवले रंग की वजह से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब रेखा का रंग बिल्कुल साफ हो गया है। कुछ का कहना है कि रेखा ने गोरे होने के लिए स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट लिया था। रेखा का नाम शुरू से ही बॉलीवुड की ग्लैमरस अभिनेत्रियों की लिस्ट में शुमार रहा है।
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शिल्पा शेट्टी – डस्की ब्यूटी कहकर बुलाते थे
जब शिल्पा शेट्टी ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिल्म बाजीगर से कदम रखा था, तब उन्हें अपने डस्की कलर की वजह से उन्हें लोग डस्की ब्यूटी का नाम से बुलाने लगे थे। आज अपनी फिटनेस के लिए फेमस शिल्पा शेट्टी भी कई बार रंगभेद का शिकार हो चुकी है। शिल्पा ने यूके में एक रियलिटी शो Big Brother में भाग लिया था। इस दौरान उन्हें रंगभेद टिप्पणी का शिकार होना पड़ा था। इस घटना का काफी विरोध भी हुआ था हालांकि शिल्पा इस शो की विनर भी रही थी।
कभी नहीं मानी हार – राधिका आप्टे
‘पैडमैन’,’मांझी: द माउंटेन मैन’,’अंधाधुन’ जैसी फिल्मों की एक्ट्रेस रह चुकीं राधिका को भी अपने सांवले रंग की वजह इंडस्ट्री में लोगों के ताने सुनने पड़े थे। कई लोगों कहा कि वह इंडस्ट्री के लायक नहीं हैं, वह कभी अभिनेत्री नहीं बन सकतीं, लेकिन राधिका ने इन बातों की परवाह नहीं की। उन्होंने आलोचकों को अपने बेहतरीन काम के जरिए जवाब दिया।
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काजोल
काजोल ने भी जब इंडस्ट्री में फिल्म बाजीगर से कदम रखा तब उनका रंग एकदम सांवला था लेकिन उन्होंने इस बात की परवाह नहीं की। अपने सांवले रंग के बावजूद काजोल ने इंडस्ट्री में सालों तक राज किया। आज भी काजोल बॉलीवुड में बेस्ट एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार हैं।
नंदिता दास – गानों के बोल गोरे रंग की ओर ही इशारा करते हैं
एक्ट्रेस नंदिता दास को भी अपने सांवले रंग की वजह से कई प्रोजेक्ट्स से हाथ धोना पड़ा था। एक इंटरव्यू में नंदिता ने कहा था, ‘हम अक्सर रंगभेद का शिकार होते रहते हैं। लोग कहते रहते हैं कि वह गोरी है। जैसे कि डार्क स्किन होना अच्छी बात नहीं है। फिल्मों और गानों में भी इसी बात को बढ़ावा दिया जाता है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गानों ने भी रंगभेद को बढ़ावा देने में अपना भरपूर योगदान दिया है। अक्सर गानों के बोल गोरे रंग की ओर ही इशारा करते हैं।’ गानों में कलाइयां हमेशा गोरी ही रही हैं। गोरा रंग काला न पड़ जाए, गोरे रंग पर इतना गुमान कर, गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा जैसे गीतों से लेकर चिट्टियां कलाइयां वे, जैसे कई गाने हैं, जिसे सुनकर लोगों के जेहन में खूबसूरती की परिभाषा केवल गोरा रंग होकर रह गई है।