मुझे मौत मंजूर पर बेबसी का अहसास नहीं
ये वाकया है साल 1983 का है जब अमिताभ बच्चन फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। तो रेखा अपने आपको अमिताभ बच्चन की एक झलक देखने से नहीं रोक पाई थीं और हास्पिटल पहुंचीं। लेकिन उन्हें बिग बी से नहीं मिलने दिया गया। इस घटना के बाद रेखा ने एक इंटरव्यू में उस वाकया का जिक्र करते हुए कहा, ‘सोचिए मैं उस शख्स को ये नहीं बता पाई कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं। मैं ये महसूस नहीं कर पाई कि उस शख्स पर क्या बीत रही है। मुझे मौत मंजूर थी पर बेबसी का ये एहसास नहीं। मौत भी इतनी बुरी नहीं होती होगी।’
अमिताभ की को-स्टार बस और कुछ नहीं
अमिताभ बच्चन से अलग होने के बाद भी रेखा का प्यार कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने हमेशा अमिताभ से रिश्ते होने की बात को नकारा। उनके मुताबिक तो रेखा बस उनकी को-स्टार थीं, इससे ज्यादा कुछ नहीं।
आठ साल की उम्र में आ गई थीं फिल्मों
रेखा का असली नाम भानुरेखा है। उनके जन्म के वक्त उनके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी। रेखा के पिता तमिल फिल्मों के सुपरस्टार जैमिनी गणेशन और मां अभिनेत्री पुष्पावली हैं। रेखा को उनके पिता ने बचपन से ही अपनी संतान के रूप में स्वीकार नहीं किया था। रेखा अपनी मां के साथ आठ साल की उम्र में फिल्मों में किस्मत आजमाने मुंबई आ गईं। रेखा की पहली फिल्म ‘अंजाना सफर’ थी जिसमें उनके अपोजिट हीरो बिस्वजीत थे। यह फिल्म किसी कारण से रिलीज नहीं हो पाई। इसके बाद रेखा की पहली फिल्म ‘सावन भादो’ रिलीज हुई। अपने 45 साल के कॅरियर में रेखा करीब 180 से ज्यादा फिल्में कर चुकी हैं। 2012 में रेखा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। रेखा अब बहुत कम फिल्मों में काम करती हैं।