1- सचिन को दी थी चेतावनी :
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को नवंबर 2009 में बाल ठाकरे के गुस्से का शिकार होना पड़ा था। दरअसल, एक बार सचिन ने कहा था कि मुंबई पर सभी भारतवासियों का बराबर हक है। उनकी इस बात पर ठाकरे को बहुत ज्यादा गुस्सा आया था। उन्होंने कहा था कि आप मैंदान में चौके—छक्के मारते ही अच्छे लगते हैं। अपनी जुबान का इस्तेमाल न करें। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
2- डर के चलते ठाकरे पर लगा था प्रतिबंध :
ठाकरे की दहशत और नफरत की राजनीति को देखते हुए चुनाव आयोग ने उनपर वोट डालने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। बता दें कि चुनाव आयोग ने 28 जुलाई 1999 को बाल ठाकरे पर चुनाव आयोग की सिफारिश पर 6 साल के लिए वोट डालने और चुनाव लड़ने पर बैन लगा दिया गया था। हालांकि बाद में 2005 में उन पर से 6 साल तक लगे बैन को हटा लिया गया था। इसे बाद ठाकरे ने साल 2006 में पहली बार बीएमसी चुनाव के लिए वोट डाला।
3- गिरफ्तारी पर चेतावनी :
बाबरी विध्वंस के बाद बाल ठाकरे ने बेलगाम होकर मुसलमानों के खिलाफ भाषण दिए। 1993 दंगों के दौरान मुसलमानों पर हमले करने के लिए लोगों को उकसाने के लिए सामना में लिखे गए लेखों के लिए ठाकरे को 25 जुलाई 2000 को गिरफ्तार किया गया था। उस समय भी पूरी मुंबई ठहर सी गई थी।
4- मुसलमानों को लेकर कही थी ये बात:
बाल ठाकरे ने 80 के दशक में मुसलमानों को कैंसर बताया था। साथ ही कहा था की उनका इलाज भी कैंसर की तरह ही होना चाहिए। वहीं 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद बाल ठाकरे के कहने पर शिवसैनिकों ने खुले आम उत्पात मचाया था। बाद में साल 1998 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि हमें मुसलमानों को भी अपना ही हिस्सा मानते हुए सही व्यवहार करना चाहिए। लेकिन एक बार फिर वह साल 2008 में उन्होंने मुस्लमानों को आतंकवाद से जोड़ा था।
5- पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का विरोध :
बाल ठाकरे पाकिस्तान से जुड़ी हर चीज का बहिष्कार करते थे। क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के दौरान जब पाकिस्तान सेमीफाइनल में पहुंचा तो शिवसेना ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान फाइनल में पहुंच गया तो उसे मुंबई में नहीं खेलने दिया जाएगा। इसके साथ ही दिसंबर 2012 में पाकिस्तान और भारत के बीच भारत में होने जा रही टेस्ट सीरीज का भी ठाकरे ने खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘मैं बीमार हूं नहीं तो पाकिस्तान को भारत में खेलने से जरूर रोकता, अब यह काम शिवसैनिक करें।’