हल्के-फुल्के मजाक पर भी भावनाएं बेकाबू डॉक्टरों के मुताबिक रोने-हंसने जैसी भावनाओं पर काबू न रहने के कारण रोजमर्रा के कामों में बाधा आ सकती है। बार-बार और अनैच्छिक रूप से रोना या हंसना स्यूडोबुलबार एफेक्ट का प्राथमिक संकेत माना जाता है। हालांकि हंसी के मुकाबले रोने की भावना इस बीमारी में ज्यादा देखी जाती है। इसके मरीज कई बार ऐसी हल्की-फुल्की मजाकिया टिप्पणी पर भी बेकाबू होकर हंसने लगते हैं, जिस पर दूसरों को हंसी नहीं आती।
महंगी अभिनेत्री, तीन बार नेशनल अवॉर्ड अनुष्का शेट्टी की गिनती दक्षिण में सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में होती है। उन्होंने 2005 में तेलुगू फिल्म ‘सुपर’ से कॅरियर की शुरुआत की। वह करीब 50 तमिल और तेलुगू फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उन्हें तीन फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। अनुष्का ने 2011 में ‘यूथ आइकन ऑफ साउथ इंडियन सिनेमा’ अवॉर्ड जीता था।