परिवार ने कहा अब लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। यह बात हमारी फैमिली को बहुत तकलीफ पहुंचा रही हैं। वहीं, गंगूबाई की नातिन भारती ने भी इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पैसों की लालच में मेकर्स ने मेरे परिवार को बदनाम कर दिया। इसे स्वीकारा नहीं जा सकता है। आपने परिवार की सहमती ली ही नहीं, न किताब लिखते वक्त आप हमारे पास आए और न ही फिल्म बनाने से पहले आपने हमसे इसकी सहमति ली है।
गंगूबाई की नातिन ने बताया कि उनकी नानी कमाठीपुरा में रहती थी तो क्या वहां रहने वाली औरते वैश्या कहलाएंगी। उनकी नानी ने 4 बच्चे अडॉप्ट किए थे जो प्रॉस्टीट्यूट के ही बच्चे थे। इनमें से एक भारती की मा शकुंतला रंजीत कावी है, और उनके बेटों के नाम रजनीकांत रावजी शाह, बाबू रावजी शा और एक और बेटी है जिसका नाम सुशीला रेड्डी है। उन्होने बताया कि जब उनकी नानी ने बच्चो को अडॉप्ट किया था उस वक्त इसके लिए कानून नहीं बने थे। इस लिए अब उन्हें इल्लीगल करार दिया जा रहा है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि वो उनके बच्चे हैं कि नहीं और इसके लिए सबूत भी मांग रहे हैं।
आपको बता दें कि गंगूबाई ने चार बच्चों को अडॉप्ट किया था, लेकिन आज उनकी फैमिली में 20 लोग हो गए हैं। गंगूबाई के परिवार का कहना है कि तमाम रिश्तेदारी में वो इस वक्त मजाक के पात्र बन गए हैं। गंगूबाई के बेटे ने तो परिवार की इज्जत को बचाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
भारती ने आगे बताया कि इस फिल्म के ट्रेलर के आने के बाद से उनके परिवार के इज्जत की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होने बताया कि वो अपनी नानी के किस्से फक्र से सुनाया करते थे। लोग उनके पास कॉल करके अब उनकी नानी को प्रॉस्टीट्यूट बोल रहे हैं। उनकी नानी ने जिंदगीभर प्रॉस्टीट्यूट के उत्थान के लिए काम किया। मगर अब लोग इनको प्रॉस्टीट्यूट की औलाद कह कर पूकार रहे हैं।
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उन्के अडॉप्टेड बेटे बाबूरावजी शाह का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर में गंगूबाई की जो इमेज दिखाई है वो पूरी तरह गलत है, उनकी मां सोशल एक्टिविस्ट थी, लेकिन उन्हें फिल्म में वैंप और लेडी माफिया डॉन बना दिया है, अब स्थिति ये है कि लोग मुझसे ये सबूत मांग रहे हैं मैं गंगूबाई का ही बेटा हूं या नहीं।