रिया चक्रवर्ती का मॉर्चरी में जाना
सुशांत (Sushant Singh Rajput case) केस में सबसे बड़ी गलती यहां से शुरू हुई थी कि जब सुशांत (sushant singh rajput postmortem report) की मौत हुई तो पोस्टमार्टम के दौरान रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty)का कूपर हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में जाकर उनकी डेडबॉडी के साथ करीब 45 मिनट बिताना एक बड़ा सवाल है। एक वीडियो से खुलासा हुआ है कि रिया हॉस्पिटल की मॉर्चुरी में जाने के बाद वहां से करीब 45 मिनट बाद बाहर निकलती हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि रिया (Rhea Chakraborty )को मॉर्चुरी में जाने की इजाजत किसने दी? और रिया ने क्या सबूतो के साथ छेड़छाड़ पहले ही कर दी थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में टाइम न लिखना
सुशांत सिंह राजपूत केस में दूसरा सवाल पोस्टमार्टम (postmortem report) पर उठ रहा है। दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत(sushant singh rajput postmortem report) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जब तैयार होकर सामने आ तो वही उनकी मौत का टाइम लिखा ही नहीं गया है। इस रिपोर्ट के साथ भी छेड़खानी की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट (postmortem report)में सबसे अहम बात होती है मृतक की मौत का समय जानना बहुत जरूरी होता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्रास चेक न करना
सुशांत सिंह राजपूत((sushant singh rajput) केस में तीसरी चूक यह हुई थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का क्रास चेक क्यों नहीं किया गया? सीबीआई ने भी इस पर मुंबई पुलिस से जवाब मांगा है। अब सीबीआई ने सुशांत की ऑटोप्सी करने वाले 5 डॉक्टर्स की स्टेटमेंट को दर्ज किया है और उसके आधार पर केस को एक नई दिशा मिलने के असार है।
पंखे से लटकी सुशांत की कोई तस्वीर नहीं
सुशांत सिंह राजपूत केस में चौथा सबसे बड़ी चूक यह हुई है कि सुशांत के शव को पंखे से लटका हुआ उनके रूममेट सिद्धार्थ पिठानी के अलावा किसी ने भी नहीं देखा। शक की तब और गहरा जाती है कि सिद्धार्थ कमरे की कई तस्वीरों को तो लेते हैं लेकिन पंखे से लटके सुशांत की फोटो नहीं लेते। इतना ही नहीं, पुलिस के आने से पहले क्राइम सीन से छेड़छाड़ भी हो जाती हैं।
2 महीने तक एफआईआर दर्ज नहीं करना
इसके बाद इस केस में पांचवी लापरवाही यह हुई थी कि सुशांत केस में बिहार में एफआईआर दर्ज है। मुंबई पुलिस ने 2 महीने तक पूछताछ की, लेकिन किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं की। ऐसे में सवाल उठते हैं कि मुंबई पुलिस ने दो महीने तक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की। एफआईआर दर्ज होने के बाद शायद केस में कुछ तेजी की उम्मीद होती।