एक्सपर्ट कई तरह के योगासनों के बारे में बताते हैं, जो अलग अलग स्वास्थ्य समस्याओं में किए जा सकते हैं। कई आसनों के अलावा प्राणायाम और मुद्राएं भी हैं। यह सभी लोगों को लाभ पहुंचाती हैं। अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं तो आपको कुछ खास योगासनों के बारे में जानना जरूरी है। नए योग करने वालों के लिए ये 8 योगासन असरदार साबित हो सकते हैं।
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गोमुखासन
गोमुखासन का अभ्यास हाई ब्लड प्रेशर ग्रस्त लोग, कंधों की जकड़न, रीढ़ को लंबा करने, गलत पोजीशन को ठीक करने, तनाव व चिंता कम करने और पीठ की मसल्स को मजबूत बनाने में किया जाता है।
सर्वांगासन
इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन नियंत्रित रहता है। यह थायरयड ग्रंथि को हेल्दी बनाए रखता है। कब्ज की शिकायत दूर होती है, बालों का झड़ना कम करता है, तनाव स्तर को कम करता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। वजन को काबू करने के साथ ही स्वस्थ हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देता है।
मार्जरी पोज
पेट संबंधी कई तरह की समस्याओं, पेट के अंगों की मालिश और कब्ज आदि को दूर करने के लिए मार्जरी आसन करना चाहिए। आंतों को स्वस्थ रखने और पेट फूलने की शिकायत से छुटकारा पाने के लिए मार्जरी आसन लाभकारी है। पेट, पीठ व रीढ़ की समस्याओं से निजात पाने के लिए इस योग का नियमित अभ्यास कर सकते हैं।
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सेतुबंधासन
रीढ़ की हड्डी को सेतुबंधासन मजबूत बनाता है। इस आसन के अभ्यास से छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है और मस्तिष्क को शांत रखने, तनाव व हल्के अवसाद को कम करने में भी सहायक है। सेतुबंधासन से पाचन में सुधार आता है। साथ ही पेट के अंगों, फेफड़ों और थायराइड को उत्तेजित करता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
प्राणायाम भी लाभदायक होता है। सभी को अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास से सिरदर्द/माइग्रेन से राहत मिलती है। नींद की गुणवत्ता में सुधार, अवसाद, तनाव और चिंता दूर करने के साथ ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन विकारों के इलाज में इसका नियमित अभ्यास करना उपयोगी है।
कपालभाति प्राणायाम
मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को बेहतर बनाने, वजन कम करने, शरीर की सभी नाड़ियों को शुद्ध करने, पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में कपालभाति प्राणायाम असरदार है। इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में रक्त का परिसंचरण सही रहता है और चेहरे पर चमक बढ़ती है।
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अधोमुख श्वानासन
आपको अधोमुख श्वानासन का अभ्यास नियमित करना चाहिए। इस आसन के अभ्यास से सिरदर्द, अनिद्रा, पीठ दर्द और थकान से राहत मिलती है। बाजुओं और टांगों को मजबूत बनाने, कंधों पिंडली और बाजुओं में खिचाव लाने में मदद मिलती है। पाचन क्रिया में सुधार के लिए यह योगासन असरदार है।
पश्चिमोत्तानासन
यह आसन तनाव कम करने, पेट की चर्बी दूर करने, हड्डियों को लचीला बनाने, बेहतर पाचन के लिए और अनिद्रा की समस्या को दूर करने में असरदार है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।