स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति अरोड़ा के अनुसार यह महिलाओं के शरीर में होने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जो 45-55 साल की उम्र के बीच होती है। इसमें महिलाओं को पीरियड्स होने बंद हो जाते हैं और उनकी प्रजनन क्षमता खत्म हो जाती है।
कैल्शियम से भरपूर डाइट लें जैसे दूध, दही, ब्रोकली, सेम, गाजर, शकरकंदी और अंजीर आदि। इनसे हड्डियां मजबूत रहती हैं और आगे चलकर जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती। मौसमी फल खाएं। फाइबर फूड जैसे पत्तागोभी, ब्रोकली, काबुली चने, राजमा, मसूर व अरहर की दाल अधिक मात्रा में लें। इस दौरान सोया डाइट भी काफी फायदेमंद होती है।
मेनोपॉज के दौरान व्यायाम काफी उपयोगी होता है। एक्सरसाइज करने से मोटापे के अलावा हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका कम हो जाती है। एक्सरसाइज से मूड बेहतर होता है और टेंशन कम होती है। इससे एंडोर्फिन एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे रात में सोने के दौरान आने वाला पसीना कम हो जाता है और महिलाएं ठीक से सो पाती हैं।
मेनोपॉज के दौरान शारीरिक बदलावों की वजह से महिलाएं अक्सर अपने लुक को लेकर तनाव में आ जाती हैं। इससे बचने के लिए खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें। किताबें पढ़ें, बागवानी करें, घूमने जाएं, अपने पसंदीदा काम करें और किसी भी तरह की परेशानी को अपने साथी या दोस्त के साथ जरूर शेयर करें।