व्यायाम के बाद भी थकान
व्यायाम के बाद थका हुआ और कम ऊर्जा स्तर पाते हैं तो मान लीजिए कि व्यायाम से फायदा नहीं हो रहा है। व्यायाम के बाद आप ऊर्जा-उत्साह से भरे होते हैं, न कि थकावट से। ऐसे में अपने व्यायाम के तरीके और न्यूट्रीशन वैल्यू पर ध्यान देने की जरूरत है।
यदि आप सप्ताह भर से एक्सरसाइज करने के बाद भी खुद को उसी स्ट्रेंथ, एनर्जी लेवल और वजन पर अटका हुआ महसूस कर रहे हैं तो आपकी एक्सरसाइज सही दिशा में नहीं जा रही है। ऐसे में आपको अपने कोच से सलाह लेकर इस पर काम करना चाहिए। थोड़े दिन के लिए ब्रेक भी ले सकते हैं।
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मेडिकल कंडीशन हो तो
यदि आप किसी मेडिकल कंडिशन से गुजर रहे हों तो ऐसी स्थिति में पहले चिकित्सक से सलाह लें और इसके बाद ही एक्सरसाइज करें। क्योंकि ऐसी स्थिति में भी व्यायाम से आपको फायदा नहीं होगा, साथ ही आप अपने लिए जोखिम भी पैदा कर सकते हैं।
सप्ताह में पांच बार आधे से एक घंटे तक एक्सरसाइज करना उपयुक्त माना जाता है। इसका फायदा तभी संभव है जब आप कुछ भी खा लेना, दिन में, देर रात या सुबह देर तक सोना जैसी गलत आदतें भी बदल पाएं।
ज्यादा वर्कआउट ठीक नहीं
ज्यादा व्यायाम से हड्डियां कमजोर, ऑस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों में दर्द, खिंचाव, नींद न आना, कमजोरी, पीरियड्स असामान्य होना, डिहाइड्रेशन, जरूरत से ज्यादा भूख लगना, रक्तचाप बढऩा जैसी बीमारियों और समस्याओं सहित हृदयाघात तक भी संभव है।
रोगी हैं तो यह करें
हृदय रोगी सप्ताह में 4-5 दिन 30 मिनट ब्रिस्क वॉक कर सकते हैं। डायबिटीज है तो व्यायाम से पहले व बाद में शुगर लेवल जांचें और हार्ड सरफेस पर व्यायाम न करें। रोगी हैं तो व्यायाम के लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
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जब व्यायाम लगे सजा
यदि आप एक्सरसाइज करते समय उसे एंजॉय करने के बजाय उसे एक सजा समझ रहे हैं, साथ ही इसके प्रति मोटिवेशन भी महसूस नहीं करते हैं तो समझ लें कि आपके व्यायाम का तरीका सही नहीं है। अत: अपनी ट्रेनिंग का तरीका बदलें या फिर कोई और रुटीन फॉलो करें।
चोट आ जाए तो…
व्यायाम के दौरान बार-बार तनाव हो या चोट लग रही हो, तब जान लें कि आपके व्यायाम के तरीके सही नहीं हैं और इससे आपको फायदा भी नहीं होगा। अत: चोट सही होने तक खुद को आराम दें और इसके बाद नई ऊर्जा के साथ लौटें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।