आयुर्वेद में वरदान है नीम की पत्तियां, इन बीमारियों में मिलते है चौंकाने वाले फायदे
लाभ : ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) ठीक होता है, मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढऩे से दिमाग सक्रिय होता है, ग्रंथियों की कार्य प्रणाली दुरुस्त होती है, पेट में स्थित अंगों जैसे आमाशय, लिवर, किडनी आदि एक्टिव होते हैं और पाचन तंत्र ठीक रहता है। ईसा पूर्व विख्यात ग्रीक फिजिशियन हिप्पोक्रेट्स भी रोगी को रस्सियों और पुली की सहायता से सीढिय़ों पर उल्टा लटकाते थे।अगर बहुत ज्यादा बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल तो इन 11 खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में करें शामिल
शीर्षासन के लाभ रक्त संचार में सुधार: शीर्षासन करने से सिर के ऊपरी हिस्से में रक्त का संचार बढ़ जाता है। इससे मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।एकाग्रता और याददाश्त में सुधार: शीर्षासन करने से एकाग्रता और याददाश्त में सुधार होता है। इससे तनाव और चिंता कम होती है।
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
शरीर के संतुलन में सुधार: शीर्षासन करने से शरीर के संतुलन में सुधार होता है। इससे सिर और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
आंखों की रोशनी में सुधार: शीर्षासन करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है।
फेंफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
पाचन तंत्र में सुधार: शीर्षासन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। इससे कब्ज, अपच और अन्य पाचन समस्याओं से राहत मिलती है।