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बॉडी एंड सॉल

ब्लड सर्कुलेशन, हाथ-पैरों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए यह योग है रामबाण

Sirsasana ke fayde : शीर्षासन को योग के सबसे कठिन आसनों में से एक माना जाता है। लेकिन इसके कई लाभों के कारण इसे “आसनों का राजा” भी कहा जाता है। शीर्षासन करने से शरीर में रक्त का संचार बेहतर होता है। इससे मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े और अन्य अंगों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

Nov 16, 2023 / 03:27 pm

Manoj Kumar

sirsasana ke fayde

sirsasana ke fayde

Sirsasana ke fayde : शीर्षासन से ठीक रहता है ब्लड सर्कुलेशन : शीर्षासन का नाम शीर्ष शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब होता है सिर। शीर्षासन को सभ आसनों का राजा माना जाता है। इसे करना शुरुआत में कठिन ज़रूर है लेकिन इसके लाभ अनेक हैं।
सिर के बल उल्टा हो जाने को शीर्षासन कहा जाता है। इसमें सिर या हाथों के बल अलग-अलग कोणों में शरीर को उल्टा किया जा सकता है। पूरे शरीर का संतुलन सिर या हाथों पर टिका होता है। योग शास्त्र में इसके कई फायदे बताए हैं।
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लाभ : ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) ठीक होता है, मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढऩे से दिमाग सक्रिय होता है, ग्रंथियों की कार्य प्रणाली दुरुस्त होती है, पेट में स्थित अंगों जैसे आमाशय, लिवर, किडनी आदि एक्टिव होते हैं और पाचन तंत्र ठीक रहता है। ईसा पूर्व विख्यात ग्रीक फिजिशियन हिप्पोक्रेट्स भी रोगी को रस्सियों और पुली की सहायता से सीढिय़ों पर उल्टा लटकाते थे।
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शीर्षासन के लाभ

रक्त संचार में सुधार: शीर्षासन करने से सिर के ऊपरी हिस्से में रक्त का संचार बढ़ जाता है। इससे मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।
एकाग्रता और याददाश्त में सुधार: शीर्षासन करने से एकाग्रता और याददाश्त में सुधार होता है। इससे तनाव और चिंता कम होती है।
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
शरीर के संतुलन में सुधार: शीर्षासन करने से शरीर के संतुलन में सुधार होता है। इससे सिर और गर्दन की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
आंखों की रोशनी में सुधार: शीर्षासन करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
हृदय स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है।
फेंफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार: शीर्षासन करने से फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
पाचन तंत्र में सुधार: शीर्षासन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। इससे कब्ज, अपच और अन्य पाचन समस्याओं से राहत मिलती है।
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‘इन्वर्जन थैरेपी’

विदेशों में इसे इन्वर्जन थैरेपी के नाम से जाना जाता है जिसमें फ्लेक्सिबल बिस्तरनुमा टेबल पर यह आसन किया जाता है। पैरों को ग्रिप में बांधने के बाद शरीर को उल्टा लटकाया जाता है। इसमें पूरे शरीर का बोझ सिर या हाथों को नहीं उठाना पड़ता और चोट लगने की आशंका भी कम होती है। डिप्रेशन के शिकार लोगों के लिए भी यह फायदेमंद है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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